कविता

हिंदू

टंगी हुई ढाल, तलवार देख
क्रोधित फड़कती भुजा ललकार देख
क्या पूछेगा परिचय हिंदू का ?
इसके विशाल हृदय का आकार देख

पुरुषोत्तम राम देख ,बलराम देख
महाभारत में मचा हुआ कोहराम देख
तू देख वीरता कुशल कुंती पुत्रों की
तू कुंभ जैसा पावन धाम देख

युद्धक्षेत्र देख हाथों में शमशीर देख
अंबर को चीरते अर्जुन जैसे तीर देख
पूरे विश्व का ध्यान केंद्रित होता है
भीम जैसे बलशाली अभिमन्यु वीर देख

प्रवीण माटी

नाम -प्रवीण माटी गाँव- नौरंगाबाद डाकघर-बामला,भिवानी 127021 हरियाणा मकान नं-100 9873845733