कविता

आखिर देरी क्यों

खुद की कविता के साथ रोहित सरदाना के बचाव में एक हिंदुस्तानी ———

जो कुचल रहे अस्मिता पत्रकारों की
उनके फन कुचलने में आखिर देरी क्यों

खुलेआम बेखौफ बेपर्द ऐसे देशद्रोहियों
को देश से निकालने में आखिर देरी क्यों

कब तक सच का दम घुटेगा साथियों मेरे
इनके खिलाफ मचलने में आखिर देरी क्यों

मैं आवाज हूँ भारत की , बुलन्द करता इसे
अब आपके आग उगलने में आखिर देरी क्यों

जिसने लड़ाई लड़ी श्री राम की , हिंदुत्व की
उसके बचाव में निकलनें में आखिर देरी क्यों

करता हूँ खुलेआम इस मर्द पत्रकार का समर्थन
साथियों आपके भड़कने में आखिर देरी क्यों

रोहित नही तो कोई भी नही नायक अब tv का
गूंगे प्रशासन को जगाने में आखिर देरी क्यों

जो रखे ताक में हिंदी पत्रकारिता को उसके
खिलाफ लामबंद होने में आखिर देरी क्यों

मैं हूँ सरदाना के साथ पत्रकार भाइयो अब
पर आपके एतबार में आखिर देरी क्यों

देश मेरा अब रोहित रोहित पुकार रहा
फिर भी दोषी को पकड़ने आखिर देरी क्यों

संदीप चतुर्वेदी
27/11/2017 समय 04:12 प्रातः

संदीप चतुर्वेदी "संघर्ष"

s/o श्री हरकिशोर चतुर्वेदी निवास -- मूसानगर अतर्रा - बांदा ( उत्तर प्रदेश ) कार्य -- एक प्राइवेट स्कूल संचालक ( s s कान्वेंट स्कूल ) विशेष -- आकाशवाणी छतरपुर में काव्य पाठ मो. 75665 01631