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सदाबहार काव्यालय-35

कविता

 

लिफ़्ट का संदेशा

 

लिफ़्ट हमें लिफ़्ट देती है
साथ ही देती है एक संदेशा
कि
”भला” करने में अपना भी ”लाभ” छिपा होता है
क्योंकि
”भला” शब्द का उल्टा शब्द ”लाभ” ही होता है
सबके भले में अपना भला भी छिपा होता है
हां
एक बात का ध्यान रखना
मुझे आदेश देते समय अवश्य चेक कर लेना
आदेश सही दिया है कि नहीं
और मेरे स्विच को दबाना, मगर प्यार से
आखिर मैं आपकी हमदम हूं, दोस्त हूं, सेविका हूं
मालिक ने आपको जो लियाकत दी है
उसका सदुपयोग करो हमेशा.

 

लिफ़्ट हमें लिफ़्ट देती है
साथ ही देती है एक संदेशा
कि
मैं मानती हूं आपका हर आदेश चुपचाप
ऊपर बुलाते हो, तो ऊपर आ जाती हूं
नीचे बुलाते हो, तो नीचे आ जाती हूं
ऊपर चलने को कहते हो, तो ऊपर चल पड़ती हूं
नीचे चलने को कहते हो, तो नीचे चल पड़ती हूं
इसी तरह आप भी
मालिक की रज़ा में राज़ी रहो
दुःख-सुख को समझो एक समान
यही तो है सच्चा और निर्मल ज्ञान
जो मालिक ने दिया है, उसी में खुश रहो
हर समय मुख से शुकराने-शुकराने कहो
यही करती हूं मैं भी हमेशा.

 

लिफ़्ट हमें लिफ़्ट देती है
साथ ही देती है एक संदेशा
कि
आपके आने से पहले मुझ में
कूड़ेदान वाला कूड़ेदान ले गया हो तो
कूड़े की दुर्गंध ही आपको सताएगी
इत्र-फुलेल लगाए कोई व्यक्ति गया हो तो
इत्र फुलेल की सुगंध ही आपको आएगी
इसलिए हमेशा अच्छी और मधुर वाणी ही बोलो
क्या पता वह वाणी ही आपके अंतिम शब्द बन जाएं
आपके अंतिम शब्द ही आपकी पहचान बन जाएंगे
बाकी सब अच्छे काम और वचन भुला दिए जाएंगे
इसका ध्यान रखो हमेशा
यही है मेरा यानी लिफ़्ट का संदेशा.

 

लीला तिवानी

Website : https://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/rasleela/

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

2 thoughts on “सदाबहार काव्यालय-35

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    lila bahan , lift ka sandesh bahut hi achha laga .

  • लीला तिवानी

    ज़िंदगी का अनमोल ख़ज़ाना,

    शुकराना और मुस्कुराना.

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