गीतिका/ग़ज़ल

गीतिका

आप तो इश्क का मजा लीजिये जनाब !
जां जाती है गर तो जाने दीजिये जनाब !!

खौफ कैसा आपको और किस बात का !
नाजनीं को अपना बना लीजिये जनाब !!

मुस्कराईये मुस्करा कर गले से लगाईये !
बांहो को अपनी फैला दीजिये जनाब !!

शुकूं जाता है जाये फिक्र कैसी आपको !
आप तो नकाब को हटा दीजिये जनाब!!

सारे ही है कातिल दुनिया की भीड़ में !
भीड़ को अपना बता दीजिये जनाब !!

है मुकद्दर हमारा यही बेबसी का आलम !
शरीफो की बस्ती को खता दीजिये जनाब!!

सजा रही हो सिन्दूर मांग मे आपके लिये!
लम्बी उम्र अपनी उसे दिखा दीजिये जनाब!!

कर रही हो जगराता आपके लिये रात भर!
पाक दामन शौक से बता दीजिये जनाब !!

खत लिखे हो किसी ने तेरे नाम के बहुत !
आऊंगा जरूर लोरी सुना दीजिये जनाब !!

प्रीती श्रीवास्तव

प्रीती श्रीवास्तव

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