मुक्तक/दोहा

“दोहा”

उड़े तिरंगा शान से, लहराए जस फूल

हरित केशरी चक्र बिच, शुभ्र रंग अनुकूल।।-1

झंडा डंडे से बँधा, मानवता की डोर

काश्मीर जिसकी सिखा, क न्याकुमारी छोर।।-2

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ