पछताओगे !
हाथ मलोगे, पछताओगे , अवसर बीते, क्या पाओगे ? क्रोध एक नाशक ज्वाला है। मारक गरलमयी हाला है । इसने
Read Moreमिट्टी की सौंधी खुशबू, जो गीत गा रही है, उस गीत से वतन की, मृदु गंध आ रही है. मिट्टी
Read Moreओ३म् मनुष्य के जन्म के बाद जब वह कुछ दिनों के बाद कुछ कुछ जानना व समझना आरम्भ कर देता
Read Moreहमारे जीवन की सबसे बड़ी विडंबना ये है कि पसंद है वो प्राप्त नहीं होता और जो प्राप्त है वो
Read Moreदेखिये मिसेस रस्तोगी,मैंने आपही के कहने पर चमकी को इस वाली बीसी में मेम्बर बनाया था।आपही ने तो कहा था
Read Moreनैना आज बहुत गुस्से में थी, हाथ में लिया आधा गिलास पानी भी उसके गले से नीचे नहीं उतर रहा
Read Moreओ३म् हमारे शास्त्रकार यज्ञ को श्रेष्ठतम कर्म घोषित करते हैं। इसे जानने का हमें प्रयास करना चाहिये। हम भी अपनी
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