गीत/नवगीत

आज तिरंगा बोल रहा..

कान खोल कर सुन लो भैया, आज तिरंगा बोल रहा
देशभक्त चंदन की खातिर, गली गली में डोल रहा
मुझको अब फहराना छोड़ो, जब मेरा सम्मान नही
मेरी खातिर मरने वालों का,लेता कोई संज्ञान नही

मुझको फहराने से होता,क्या सच्चा मुसलमान नही?
वंदेमातरम राष्ट्रगान से, क्या इनका है अपमान कोई?
केसरिया और धवल रंग संग, हरा रंग भी भाया है
हरे रंग को हरियाली सा,सदा मनों में समाया है
पर मुझको लगता है ऐसा, हिन्दू का कोई मान नही
उसकी इसी शहादत का,मिलता कोई सम्मान नही
मरने वाला अगर कोई जब अजमल, आमिर होता है
पप्पू के संग मफलर धारी, उस घर में जाकर रोता है
चंदन का बलिदान अमर है,भुला नही उसको देना
यादों में ही इस चंदन को ,माथे पर अपने लगा लेना
जब हरे रंग वालो को मुझसे, मिलता है सम्मान नही
मुझको केसरिया रहने दो,मेरा सच्चा सम्मान वही

पुरुषोत्तम जाजु

पुरुषोत्तम जाजू

पुरुषोत्तम जाजु c/304,गार्डन कोर्ट अमृत वाणी रोड भायंदर (वेस्ट)जिला _ठाणे महाराष्ट्र मोबाइल 9321426507 सम्प्रति =स्वतंत्र लेखन