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प्रकृति के अनुपम सौंन्दर्य की आभा लिये जोन्हा फॉल

प्रकृति के अनुपम सौंदर्य की छटा लिये एवं ऊँचे -ऊँचे पर्वतों से गिरते झारखण्ड के मनमोहक झरने पर्यटकों को हमेशा से अपनी ओर आकर्षित एवं मन्त्रमुक्ध करते रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है मानों झारखण्ड के सुंदर प्राकृतिक नज़ारे बाहें पसार अपनी ओर पुकार रहें हों। झारखंड के मनमोहक झरनों में जोन्हा फॉल का विशेष स्थान है। सुंदर पहाड़ों और हरियाते जंगल के बीच में झर- झर बहता जल ये जोन्हा फॉल की ये एक ख़ास विशेषता रही है।
जोन्हा फॉल में एक सौ चौवालीस फुट की उंचाई से पानी गिरता है। और झरने के पास ही इसका एकमात्र डेंजर जोन है। जहां डेंजर का प्रतीक चिन्ह लाल रंग की झंडी लगी हुई है। यहाँ के स्थानों में पर्यटकों की सुविधा हेतु जगह जगह गोताखोर एवं गाइड नियुक्त किए गए हैं। पर्यटकों को जानकारी हेतु स्थानीय ग्रामीण भी मदद करते हैं। यहाँ किसी प्रकार की आकस्मिक दुर्घटना न हों इसके लिए चौकीदार एवं पुलिस भी मौजुद रहते हैं। आपातकालीन स्थिति में एम्बुलेंस की सुविधा भी दी जाती है। रांची से सैंतीस किलोमीटर दूर रांची और पुरुलिया रोड पर अनगड़ा अमरूद बागान होते हुए जोन्हा फॉल स्थित है। एवं अमरूद बागान होते हुए पांच किलोमीटर की दूरी पर गौतम धारा रेलवे स्टेशन के दाईं ओर कुछ दूरी तक कच्ची सड़क होते हुए ‘कोयनाडीह’ पथ से भी सीधे फॉल तक पहुंचा जा सकता है। यहाँ पर वन विभाग ने पर्यटकों की सुविधा हेतु बैठने के सीमेंट से बने बेंचों का भी निर्माण कार्य किया है। नए साल के मौके लोग यहाँ पिकनिक मनाने एवं जोन्हा फॉल के प्राकृतिक सौंदर्य का आंनद लेने पधारते हैं।
प्रकृति की इस अनुपम सौंदर्य का ख़जाना हमें झारखण्ड राज्य में ही देखने को मिलती है। और झारखण्ड ही वो राज्य है जहाँ हमें प्रकृति की सुंदर नज़ारे हमें अपनी बाहें पसारे पुकारते हैं।

विनीता चैल

द्वारा - आशीष स्टोर चौक बाजार काली मंदिर बुंडू ,रांची ,झारखंड शिक्षा - इतिहास में स्नातक साहित्यिक उपलब्धि - विश्व हिंदी साहित्यकार सम्मान एवं विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित |