राजनीति

अरब देशों की यात्रा में भी बजा मोदी का डंका

पीएम नरेंद्र मोदी ने अभी फिलिस्तीन, संयुक्त अरब अमीरात और ओमान जैसे अरब देशों की यात्रा की और वहां पर उनका जिस प्रकार से भव्य व शानदार स्वागत किया गया उससे हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हुआ, लेकिन भारत में मोदी विरोधियों को यह भी रास नहीं आया कि एक भगवा पीएम को घोर मुस्लिम बाहुल्य देशों में इतना प्यार और सम्मान मिल रहा है। इतिहास गवाह है कि 70 सालों में किसी कांग्रेसी पीएम का इतना जोरदार स्वागत व समर्थन नहीं मिला होगा। संभवतः यही बात कांग्रेस को अखर रही होगी। आज पूरे विश्व में पीएम मोदी व उनके नेतृत्व में भारत का जलवा उबाल ले रहा है।
दुबई के ओपेरा हाउस से लेकर ओमान के शहर मस्कट तक जिस प्रकार की दीवानगी पीएम मोदी के प्रति देखने को मिली उससे एक सुखद अनुभूति हो रही थी। ओपेरा हाउस और मस्कट में ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम्’ के नारों को सुनकर मन निश्चय ही प्रफुल्लित हो उठा। कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी इन देशों के जनमानस के बीच इस प्रकार के नारे कभी सुनायी देंगे। पीएम मोदी की विदेश यात्रा न सिर्फ खाड़ी देशों की मीडिया में छायी रही, अपितु इस यात्रा को पूरे विश्व का मीडिया लगातार कवर कर रहा था। कुछ विशेषज्ञ इस यात्रा को बहुत हल्के में ले रहे होंगे, लेकिन भारतीय कूटनीतिक व सामरिक दृष्टिकोण से यह यात्रा भविष्य में भारत के लिहाज से काफी असरकारक व लाभदायक साबित होने जा रही है। पीएम मोदी ने अपनी यात्रा से जहां अरब के देशों के साथ अपने मैत्री संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ व गहरा किया है, वहीं इसके सहारे सामरिक व आर्थिक दृष्टिकोण से चीन व पाकिस्तान को घेरने का भी एक प्लान तैयार कर लिया है, जिसकी झलक इन देशों के साथ हुए समझौतों में भी दिखलायी पड़ रही है।
पीएम मोदी अपनी यात्रा के प्रथम चरण में सबसे पहले जार्डन की राजधानी अम्मान से होते हुए फिलिस्तीन के रामल्ला पहंुचे जहां सबसे रोचक तथ्य यह रहा कि पीएम मोदी की सुरक्षा के लिए एक इजराइली हेलीकाप्टर उन्हें एस्कार्ट करते देखा गया। कूटनीतिक विश्लेषकों के अनुमानों को धता बताते हुए बिना इजराइल को नाराज किये जिस प्रकार से फिलिस्तीन से दोस्ती को आगे बढ़ाया है वह काफी सुखद व आश्चर्यजनक अनुभूति पैदा करने वाला अनुभव है। यहां पर पीएम मोदी को ‘ग्रांड काॅलर आफ द स्टेट पलेस्टाइन’ से सम्मानित किया गया। यह फिलिस्तीन में दिया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान है और विदेशी शासनाध्यक्षों को ही दिया जाता है। भारत से अभी तक यह सबसे पहले पीएम मोदी को ही दिया गया है। यहां के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के साथ बैठक में अब्बास ने शांति प्रक्रिया में भारत से भूमिका निभाने का अनुरोध किया तथा छह समझौतों पर भी हस्ताक्षर किये गये।
यह यात्रा समाप्त करने के बाद पीएम मोदी संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर पहुंचे। यहां अबूधाबी के प्रिंस मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान के साथ लंबी वार्ता हुई। दोनों देशों के बीच पांच समझौते हुए। इस अवसर पर दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा को तिरंगे के रंग में रोशन किया गया। इस अवसर पर भारतीय तेल कंपनियों के संघ को समुद्र में लोअर जकूम कनेक्शन में 10 फीसदी हिस्सेदारी देने वाला एक समझौता भी हुआ है। इसके साथ ही ऊर्जा क्षेत्र, रेलवे, श्रमशक्ति और वित्तीय सेवाओं के लिए दोनों देशों के बीच समझौते हुए। भारत और यूएई के बीच तेल पर एक बहुत ही ऐतिहासिक समझौता हुआ है जिसमें अपतटीय लोअर जकूम कनक्शेन में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए भारतीय कंसोर्टियम (ओवीएल, बीपीआरएल और आईओसीएल) और अबूधाबी नेशनल आयल कंपनी के बीच समझौते के मसौदे पर हस्ताक्षर हुए हैं। यह 2018 से 2057 के बीच 40 वर्षों के लिए होगा। हिस्सेदारी ब्याज में 60 फीसदी एडीओओसी के पास रहेगा जबकि बाकी 30 फीसदी हिस्सेदारी अंतर्राष्ट्रीय तेल कंपनियों को जायेगा। तेल क्षेत्र के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा समझौता है। इसके माध्यम से भारत की तेल के क्षेत्र के बहुत सी समस्याओं का लंबे समय तक के लिए अंत हो सकने की संभावनायें व्यक्त की जा रही है। इसके अलावा रेलवे, वित्तीय क्षेत्र, श्रमशक्ति व माडल पार्काें को लेकर भी व्यापक समझौते हुए हैं। यह भी समझौते भविष्य में मील का पत्थर साबित होने जा रहे हैं।
यहां पर सबसे अधिक चर्चा का विषय रहा ओपेरा हाउस में भारतवंशियों के एक कार्यक्रम में अबूधाबी के पहले हिंदू मंदिर की आधारशिला रखने का भव्य आयोजन। उन्होंने मंदिर माडल का लोकार्पण किया। इस मंदिर का निर्माण अक्षरधाम मंदिर व न्यूजर्सी में निर्माणाधीन मंदिर की तर्ज पर होगा। यह 2020 तक बनकर तैयार हो जायेगा। मंदिर के लिए अबूधाबी के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन जायेद अल नहयान ने अबूधाबी दुबई हाइवे के पास मुफ्त में जमीन देकर एक नजीर पेश की है। बोचानवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था इस मंदिर का निर्माण करवायेगी। यह मंदिर 55 हजार वर्ग मीटर भूमि पर बनेगा। भारतीय मंदिरों के खास शिल्पी इसका निर्माण करेंगे, जबकि पत्थरों को तराशने का काम यूएई में ही होगा। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि यह मंदिर मानवता और समरसता के उत्प्रेरक की भूमिका निभायेगा और भारतीयता की पहचान बनेगा। यह मंदिर न केवल शिल्प की दृष्टि से अद्वितीय होगा, अपितु विश्वभर के लोगों को वसुधैव कुटुम्बकम् का संदेश भी देगा।
इसके बाद पीएम मोदी ने ओपेरा हाउस में उपस्थित हजारों की संख्या में भारतीय व यूएई के नागरिकों को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने संकल्पों व सपनों को तुरंत पूरा करने का फिर से संकल्प लिया। यहां पर पीएम मोदी ने कहा कि अब भारत लगातार बदल रहा है। चार साल में भारत का आत्मविश्वास बढ़ा है। अब भारत विकास की नई ऊचांईया छू रहा है। पहले लोग पूछते थे कि होगा या नहीं होगा? आज पूछते हैं कि मोदी जी बताओ कब होगा। पहले निराशा के दिन भी हमने देखे हैं। आज विश्वास है कि होगा तो अभी होगा। पीएम मोदी ने दुबई में वल्र्ड गवर्नमेंट समिट को संबोधित करते हुए मिसाइल और बम में बढ़ते हुए वैश्विक निवेश पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मानव विकास की यात्रा में तकनीक की छाप है। दो सौ साल पहले दुनिया की आबादी का 94 प्रतिशत हिस्सा गरीबी में रहता था। आतंकियों की भर्ती के लिए साइबर स्पेस का इस्तेमाल होने पर भी चिंता व्यक्त की। यहां पर पीएम मोदी ने आधार की सफलता का भी उल्लेख किया आधार के द्वारा सीधे नगद भुगतान से सरकार ने 56 हजार करोड़ रुपये बचाये हंै। यहां पर पीएम मोदी ने निवेशकों को भारत आने के लिए आमंत्रित किया।
अपनी यूएई की बेहद सफल और कारगर यात्रा को समाप्त करने के बाद पीएम मोदी दो दिवसीय यात्रा पर ओमान पहुंच गये। पीएम का ओमान दौरा भी काफी शानदार व भव्य रहा। यहां पर पीएम मोदी ने दो सौ साल पुराने मोतीश्वर शिव मंदिर के दर्शन किये और सुल्तान कबूस गै्रंड मस्जिद भी देखने गये। यह आधुनिक इस्लाम की स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है। यह मस्जिद ओमान के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में शुमार है। इनमें हर धर्म के लोगों की आस्था बताई जाती हैं। पीएम मोदी और सुल्तान कबूस के साथ प्रतिनिधि मंडल स्तर की वार्ता हुई। दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश, ऊर्जा, रक्षा और सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा तथा क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत हुई तथा आठ समझौतों पर हस्ताक्षर हुए जिससे आगे की मैत्री का रास्ता भी और अधिक प्रगाढ़ होकर उभरने जा रहा है। पीएम मोदी ने यहां पर भी खुले स्टेडियम में हजारों की संख्या में उपस्थित भारतीय नागरिकों व उद्यमियों को संबोधित किया और अपनी सरकार के कामकाज का विश्लेषण तो किया ही साथ ही अपनी सरकार की योजनाओं के बारे भी काफी विस्तार के साथ ओमान के भारतीय जनमानस को बताया।
इस अवसर का लाभ उठाते हुए उन्होंने वहां के लोगों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित भी किया। संबोधन के बाद अपनी कार्यशैली के अनुरूप ही उन्होने एक खुली जीप में पूरे स्टेडियम का चक्कर लगाकर हर दर्शक के साथ दिल का रिश्ता जोड़ने का अद्भुत व नायाब प्रयास भी किया। निश्चय ही अरब देशों की यात्रा कई मायनों में काफी ऐतिहासिक व कारगर साबित होने जा रही है तथा इस यात्रा से भारत को कई लाभ भी होने जा रहे हैं। पहली बार अरब देशों की धरती से ‘भारत माता की जय’ के नारे व वंदे-वंदे सुनायी दिया। इससे पता चलता है कि वसुधैव कुटुम्बकम् के प्रति पूरी दुनिया में कितना विश्वास जगा है। ओपेरा हाउस व मस्कट में पीएम मोदी ने जो भाषण दिये उसको यहां के लोग भले ही चुनावी बिसात बिछाने वाले भाषण समझें या विपक्ष अपने खिलाफ लगाये जा रहे आरोप माने, लेकिन यह दौरा कई मायनों मे ऐतिहासिक है। पीएम मोदी ने अपने भाषणों में अपने इरादे जगजाहिर किये तथा व्यापार, निवेश और पर्यटन के सहारे अखंड भारत की पुरानी रूपरेखा को फिर से नये तरीके से पेश किया।
वहीं राहुल गांधी अब तक की सबसे अच्छी विदेश नीति को पूरी तरह से नाकाम बता रहे हैं और भारत को अलग-थलग बता रहे हंै। यह वही राहुल गांधी हैं जिन्होंने अपने बहरीन और अमेरिका दौरे पर भारत का अपमान किया था। डोकलाम विवाद के बीच चीनी राजदूत के साथ वार्ता करने पहंुच गये थे, वह भी बिना बताये। यह वही कांग्रेस पार्टी है जिसके नेता मणिशंकर अय्यर अलगाववादियों का साथ देते हैं और पाकिस्तान जाकर भारत व पीएम मोदी के खिलाफ जहर उगलते हैं। ये कांग्रेसी दोमुंहे जहरीले सांप हैं। इन्हें कोई भी अच्छी बात न तो समझ में आती है और न कभी आयेगी। कांग्रेस को विश्व पटल पर भारत की बढ़ती हुई साख पसंद नहीं आ रही। कांग्रेस के नेतागण ईष्र्या के कारण दबे जा रहे हैं। तभी तो कांग्रेस नेता आनंद शर्मा पीएम मोदी को मानसिक अस्वस्थ बता रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस की नकली धर्मनिरेपक्षता का बुलबुला मोदी जी की अरब यात्रा से फूट चुका है।
मृत्युंजय दीक्षित