कविता

याद आते हो तुम

कभी-कभी तो याद आते हो तुम
इस दुनिया में न जाने कहाँ हो तुम
क्यों आते हो मेरे सपनों में
आकर कहीं दूर चले जाते हो तुम
जब आते हो तुम मेरे ख़्वावों में
इस दिल को सुकूं पहुंचाते हो तुम
मैंने तो पहले ही यही कहा था
मेरी तशवीर दिल में बनाते हो तुम
चाहे कितने भी दर्द हों सीने में
मुझे देखकर मुस्कुराते हो तुम
जिंदगी तो एक ग़मों का मंजर है
फिर क्यों ये ग़म छुपाते हो तुम
मैं तो साथ ही हूँ तुम्हारे हरदम
फिर ज़माने से क्यों घबराते हो तुम
          -रमाकान्त पटेल

रमाकान्त पटेल

ग्राम-सुजवाँ, पोस्ट-ढुरबई तहसील- टहरौली जिला- झाँसी उ.प्र. पिन-284206 मो-09889534228