कविता

सब उसकी माया ह

सब उसकी माया
सुख दुःख तो आते जाते हैं,
जीवन की रफ़्तार यही है,
मन को अपने निष्चल रक्खो,
सब खुशियों का अम्बार यहीं है,
यहां कहीं धूप और कहीं हैं छाया,
दुखिया हर इंसान है जग में ,
सबको नहीं मिलता मनभाया ,
जो भी है सब उस की कृपा है,
यह जीवन भी है उसी की रहमत,
अपने बस में जो बन बाता ,
करते उतनी इंसान की खिदमत, –
फिर भी क्यों अक्सर जीवन में,
गम के बादल घिर आते हैं ,
कौन है ऐसे लोग जहाँ में,
जो हरदम जीवन में सुख पाते हैं,

अपनों को अपना कर देखो ,
जीवन में सच्चा प्यार यही है,
सत्य मार्ग पर चल कर देखो
सुखी जीवन का आधार यही है,
मृदुभाषी बन सब से बोलो ,
जीवन का संचार यही है,
कभी किसी का दिल न टूटे,
जीवन का उपकार यही है,
मुस्कान भरा सबसे हो मिलना,
जीवन का उपहार यही है,
खुशियाँ देकर खुशियाँ लेलो,
सबसे सच्चा व्यापार यही है,
मात पिता की सेवा कर लो,
सबसे पावन संस्कार यही है,
गुरु जनो का आशीष पा लो
सफलता का सत्मार्ग यही है,
प्रभु चरणों में ध्यान लगाओ
जीवन का उद्धार यही है,
राम नाम की माला जप लो,
भवसागर की पतवार यही है,
सुख दुःख तो आते जाते हैं,
जीवन की रफ़्तार यही है,
— जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया जन्म दिन --१४/२/१९४९, टेक्सटाइल इंजीनियर , प्राइवेट कम्पनी में जनरल मेनेजर मो. 9855022670, 9855047845