बाल कविता

देश हमारा माला जैसा

देश हमारा माला जैसा,
राज्य है ज्यों मोती इसके,
मोती मिलकर बनते माला,
राज्य मिलें तो भारत प्यारा,
जैसे माला में हों मोती,
वैसे भारत में हैं राज्य,
कुछ तो केंद्र शासित प्रदेश हैं,
बाकी कहलाते हैं राज्य.

 

उत्तर में तो काश्मीर है,
इसकी शोभा खूब निराली,
दक्षिण में केरल व आंध्र-से,
इनके नारियल होती आली.
महाराष्ट्र है पश्चिम में जो,
करे आयात-निर्यात अपार,
पूर्व में बंगाल है प्यारा,
भारत का है साज-सिंगार.

 

मध्य प्रदेश में तीर्थ प्यारे,
अजंता-एलोरा इसकी शान,
उत्तर प्रदेश गन्ने का घर है,
ताजमहल है इसकी शान.
दिल्ली दिल है इस भारत का,
राजधानी है बहुत भली,
हरियाणा है इसका साथी,
जैसे फूल के साथ कली.

 

राजस्थान है रजपूतों का,
जयपुर का तो नहीं जवाब,
दूध-दही की नदी बहाता,
आज भी रंगीला पंजाब.
ये सब मिलकर अगर चलें तो,
देश हमारा हो खुशहाल,
‘जय भारत’ ‘जय भारत’ कहते,
बढ़ते चलना नौनिहाल.

 

(1984 में लिखा गया बाल गीत)

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “देश हमारा माला जैसा

  • लीला तिवानी

    भारत प्यारा देश हमारा,
    हम सब की आंखों का तारा,
    कोशिश कर इसे और संवारें,
    तभी बनेगा जग का प्यारा.

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