बाल कविताशिशुगीत

होली आई (बाल गीत)

होली आई, होली आई,
अपने साथ खुशी है लाई,
खूब गुलाल उड़ेगा अब तो,
पिचकारी में रंग भर लाई.
आज करेंगे खूब रंगाई,
होली आई है मनभाई,
घर-घर से आवाज है आई,
होली आई, होली आई.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “होली आई (बाल गीत)

  • लीला तिवानी

    होली आई, होली आई।
    उछलो, कूदो, नाचो, गाओ,

    पूआ-पूड़ी, मिठाई खाओ।
    पिचकारी से, रंग चलाओ,

    गालों पर, गुलाल लगाओ।
    ढोलक के संग, झांझ बजाओ।

    हिल-मिल सबको, गले लगाओ।
    धक्का-धुक्की, करो न भाई,

    चारों ओर है, खुशियाँ छाई।
    होली आई, होली आई।

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