विज्ञान-बाला
आज हर्षिता के हर्ष का ठिकाना नहीं था. वह अतीत की स्मृतियों में खो गई. हर्षिता न तो आईटी कंपनी
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Read More*कविता* *प्रेम व ब्रह्मांड* (प्रेम को समझना ब्रह्मांड को समझने की तरह है, कविता में ब्रहमांड की उत्पत्ति
Read Moreगुलाल लै के बुलावेली भौजी फागुन मा । हजार रंग दिखावेली भौजी फागुन मा ।। छनी है भांग वसारे बनी
Read Moreरेल में बैठे थे यात्री कई हजार सफर में मशगूल , खुशियाँ अपरंपार पर अचानक घटित हुआ कुछ ऐसा इक
Read Moreहोली आई, होली आई, अपने साथ खुशी है लाई, खूब गुलाल उड़ेगा अब तो, पिचकारी में रंग भर लाई. आज
Read Moreशब्दों के बाण आप ऐसे तो न मारिये , कुछ तो सोचिये कुछ तो विचारिये । चुभते है तो ये
Read Moreनम्रता को सरकारी नौकरी मिली तो परिवार खुशियों से झूम उठा। स्वाभाविक है नम्रता के अरमान फलने फूलने लगे और
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