गीतिका/ग़ज़ल

वक्त से हालात से नज़रें मिलाना सीख लो

वक्त से हालात से नज़रें मिलाना सीख लो
मुश्किलों को साज करके गीत गाना सीख लो

हार जायेगी यकींनन हार इक दिन देखना
हौसला अपना अगर तुम ख़ुद बढा़ना सीख लो

दौर में खुदगर्जियों के ये ज़रूरी है बहुत
तुम भरोसे को सभी के आजमाना सीख लो

इश्क पर पाबंदियाँ हैं बोलना भी है मना
बात दिल की अब निगाहों से बताना सीख लो

चाहते हो फैन लाखों हों तुम्हारे भी अगर
आँख भौहें तुम अदाओं से चलाना सीख लो

चाहिये कद में उँचाई तो करो ये काम तुम
नेकियाँ करते रहो सर को झुकाना सीख लो

कौन होता है किसी के आँसुओं से ग़मज़दा
फायदा बस है इसी में मुस्कुराना सीख लो

सतीश बंसल
०९.०३.२०१८

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.