कविता

कविता- घरौंदा

एक प्यारा सा परिवार मिला मुझे,
एक प्यारे से पिता जिनकी राजदुलारी हूँ मैं,
एक प्यारी सी माँ मिली जिनकी लाड़ली हूँ मैं,
एक प्यारी सी बड़ी बहन मिली जो हर पल ,
नई राह दिखाती है मुझे,
एक प्यारा सा भाई मिला,
जो हर मुश्किल में साथ है मेरे,
एक प्यारी सी छोटी सी बहन भी है ,
जो सबके आंखों का तारा है,
मेरे दिल पर मेरे इन सबका राज है,
ये नही तो मेरा कहाँ संसार है,
मेरा परिवार ही मेरी ज़िंदगी है,
ये नही तो एक अधूरी सी कहानी हूँ मैं,
कोई पूछे जो मुझसे कि,
रब कैसा मैं कहती हूँ,
मेरे मम्मी पापा के जैसे होता है,
— उपासना पाण्डेय ‘आकांक्षा’
हरदोई( उत्तर प्रदेश)

उपासना पाण्डेय

पूर्ण नाम : आकांक्षा पाण्डेय साहित्यिक नाम ; उपासना पाण्डेय जन्मतिथि : 21दिसम्बर 1991 वर्तमान पता: ट्रांजिस्ट हॉस्टल के पीछे आजाद नगर हरदोई शहर : हरदोई जिला: हरदोई राज्य : उत्तर प्रदेश विधा: पद्य (श्रृंगार रस ,रचनाये) गद्य( लघुकथाएं, सामाजिक लेख, कहानियां) ब्लॉग-Upasnamerasafr.blogspot.in