कविता

इतना अधिकार चाहिए

इतना अधिकार चाहिये

जब चलूँ मैं राह पर  अकेले तो ,

तुम थाम लेना मुझे ,

जब कोई बुरी नज़र से ताके मुझे,

तो तुम उस नज़र से बचा लेना  मुझे

एक हमसफ़र बनकर नही,

एक दोस्त बनकर रहना संग मेरे,

मेरे हर दर्द को बांट लेना,

कभी बात चुभ जाए अगर मेरी,

कभी रूठ कर जाना नही,
पहले अकेली थी भीड़ में,
अब तेरे साथ ज़िन्दगी भी,
तन्हा गुजरती नही है,

मन मे कोई भी बात हो अगर,

तो कह जरूर देना,

नासमझी तो बहुत है मुझमें,

बस तुम समझ लेना मुझे,

इतना अधिकार चाहिये,

धूप जो छू कर गुजरे अगर,

तो तुम छांव बन जाना,

अगर कोई रंग चढ़े मुझ पर जो,

वो तेरी मोहब्बत का होना चाहिये,

तेरी मोहब्बत के भरोसे ही जी रही हूं मैं,

तेरे संग जीना है मुझे,

बस इतना अधिकार चाहिये,

उपासना पाण्डेय “आकांक्षा”

हरदोई (उत्तर प्रदेश)

उपासना पाण्डेय

पूर्ण नाम : आकांक्षा पाण्डेय साहित्यिक नाम ; उपासना पाण्डेय जन्मतिथि : 21दिसम्बर 1991 वर्तमान पता: ट्रांजिस्ट हॉस्टल के पीछे आजाद नगर हरदोई शहर : हरदोई जिला: हरदोई राज्य : उत्तर प्रदेश विधा: पद्य (श्रृंगार रस ,रचनाये) गद्य( लघुकथाएं, सामाजिक लेख, कहानियां) ब्लॉग-Upasnamerasafr.blogspot.in