कविता

कविता – घूंघट के पट खोल

यह नई सदी तुम्हारा अभिनन्दन करती ।
उठो घूंघट के पट खोल आगे बढ़ो तुम।।

न रुको न झुको लक्ष्य तक चलते चलो।
साहस से कदम से कदम मिलाते चलो।।

सहनशीलता का दुरुपयोग खूब हुआ।
अब सर उठा कर जीना सीख लो तुम।।

हर क्षेत्र में तुम कामयाब हो ऐसा करो।
दुनियाँ में अपना फिर रोशन नाम करो।।

सीता सावित्री गार्गी मदालसा मैत्रेयी ।
आर्यावर्त की महान नारियों जैसी बनो।।

पद्मनी लक्ष्मी बाई झलकारी सी रहो।
हर अत्याचारी को सबक सिखाओ।।

सदियों से शोषण में पली आंसू बहाए।
घुट – घट कर जीवन अब न बिताओ।।

उन्मुक्त गगन में अब विचरण करो तुम।
रूढ़ियों की दासता से अब आज़ाद हो।।

कवि राजेश पुरोहित

राजेश पुरोहित

पिता का नाम - शिवनारायण शर्मा माता का नाम - चंद्रकला शर्मा जीवन संगिनी - अनिता शर्मा जन्म तिथि - 5 सितम्बर 1970 शिक्षा - एम ए हिंदी सम्प्रति अध्यापक रा उ मा वि सुलिया प्रकाशित कृतियां 1. आशीर्वाद 2. अभिलाषा 3. काव्यधारा सम्पादित काव्य संकलन राष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में सतत लेखन प्रकाशन सम्मान - 4 दर्ज़न से अधिक साहित्यिक सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित अन्य रुचि - शाकाहार जीवदया नशामुक्ति हेतु प्रचार प्रसार पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य किया संपर्क:- 98 पुरोहित कुटी श्रीराम कॉलोनी भवानीमंडी जिला झालावाड़ राजस्थान पिन 326502 मोबाइल 7073318074 Email 123rkpurohit@gmail.com