बाल कविता

दिनभर वक्त़ हमारा अब !

मेरे पास आओ माँ,
गीत कोई सुनाओ माँ,
इम्तिहान खत्म हुए अब,
मौज करेंगे मिलकर सब!
मेरे पास…..

बंटु,बंबु और जीतू आओ,
यारो कुछ नया सुनाओ ,
दिनभर वक्त हमारा अब,
नतीजे आएंगे सोचेंगे तब!
मेरे पास……

दीदी मुझसे अब जलेगी,
मेरे बैट बल्ले की चलेगी,
कागज़ कलम का खेल बंद,
याद नहीं होते थे वो छंद !
मेरे पास……

पापा,दादु और दादी सुनो,
सब को छोड़ बस मुझे चुनो,
कहानियाँ मुझको सुनानी पड़ेंगी,
मेरी मांगे अभी और बड़ेंगी !
मेरे पास…..

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |