गीत/नवगीतभजन/भावगीत

गीत (आओ सब मिल कर संकल्प करें)

लावणी छंद आधारित गीत

आओ सब मिल कर संकल्प करें।
चैत्र शुक्ल नवमी है कुछ तो, नूतन आज करें।
आओ सब मिल कर संकल्प करें॥

मर्यादा में रहना सीखें, सागर से बन कर हम सब।
सिखलाएँ इस में रहना हम, तोड़े कोई इसको जब।
मर्यादा के स्वामी की यह, धारण सीख करें।
आओ सब मिल कर संकल्प करें॥

मात पिता गुरु और बड़ों की, सेवा का हरदम मन हो।
भाई मित्र और सब के ही, लिए समर्पित ये तन हो।
समदर्शी सा बन कर सबसे, हम व्यवहार करें।
आओ सब मिल कर संकल्प करें॥

आज रामनवमी के दिन हम, दृढ हो कर व्रत यह लेवें।
दीन दुखी आरत जो भी हैं, उन्हें सहारा हम देवें।
राम-राज्य का सपना भू पर, हम साकार करें।
आओ सब मिल कर संकल्प करें॥

उत्तम आदर्शों को अपना, जीवन सफल बनाएँ हम।
कर चरित्र निर्माण स्वयं का, जग का दूर करें सब तम।
उत्तम बन कर पुरुषोत्तम को, हम सब ‘नमन’ करें।
आओ सब मिल कर संकल्प करें॥

बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’
तिनसुकिया

बासुदेव अग्रवाल 'नमन'

नाम- बासुदेव अग्रवाल; जन्म दिन - 28 अगस्त, 1952; निवास स्थान - तिनसुकिया (असम) रुचि - काव्य की हर विधा में सृजन करना। हिन्दी साहित्य की हर प्रचलित छंद, गीत, नवगीत, हाइकु, सेदोका, वर्ण पिरामिड, गज़ल, मुक्तक, सवैया, घनाक्षरी इत्यादि। सम्मान- मेरी रचनाएँ देश के सम्मानित समाचारपत्र और अधिकांश प्रतिष्ठित वेब साइट में नियमित रूप से प्रकाशित होती रहती हैं। हिन्दी साहित्य से जुड़े विभिन्न ग्रूप और संस्थानों से कई अलंकरण और प्रसस्ति पत्र नियमित प्राप्त होते रहते हैं। प्रकाशित पुस्तकें- गूगल प्ले स्टोर पर मेरी दो निशुल्क ई बुक प्रकाशित हैं। (1) "मात्रिक छंद प्रभा" जिसकी गूगल बुक आइ डी :- 37RT28H2PD2 है। (यह 132 पृष्ठ की पुस्तक है जिसमें मात्रिक छंदों की मेरी 91 कविताएँ विधान सहित संग्रहित हैं। पुस्तक के अंत में 'मात्रिक छंद कोष' दिया गया है जिसमें 160 के करीब मात्रिक छंद विधान सहित सूचीबद्ध हैं।) (2) "वर्णिक छंद प्रभा" जिसकी गूगल बुक आइ डी :- 509X0BCCWRD है। (यह 134 पृष्ठ की पुस्तक है जिसमें वर्णिक छंदों की मेरी 95 कविताएँ विधान सहित संग्रहित हैं। पुस्तक के अंत में 'वर्णिक छंद कोष' दिया गया है जिसमें 430 के करीब वर्णिक छंद विधान सहित सूचीबद्ध हैं।)