पुस्तक समीक्षा

पुस्तक परिचय : मुद्दा उछलना चाहिए

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. कौशल किशोर श्रीवास्तव की नवीनतम कृति ‘मुद्दा उछलना चाहिए’ उनके द्वारा रचित 100 पृष्ठीय गजल संग्रह है | उत्तम गुणवत्ता वाला कागज, सुन्दर छपाई और आकर्षक आवरण पृष्ठ, जिसे बनाया है मुकेश कुमार ऋषि वर्मा (युवा साहित्यकार एवं क्षेत्रीय फिल्मकलाकार) ने | एक से एक बेहतर रचना कवि की सफलता को प्रमाणित कर रही है | जीवन के हर पहलू पर कवि ने कलम चलाई है |

‘चमन के ये दरख्त क्या कहिये |

हमीं पे धूप सख्त क्या कहिये ||’

‘बसे हुये हैं प्यारे पाप |
दिल में नेक दुलारे पाप ||’

जीवन के भौतिक रिस्ते नातों से लेकर आध्यात्मिकता तक का सफ़र ‘मुद्दा उछलना चाहिए’ में है | डॉ. कौशल किशोर श्रीवास्तव एक चिकित्सक हैं पर जिस तरह से उन्होंने कलम चलाई है, कहना पड़ेगा कि डॉ. साहब साहित्य के भी चिकित्सक हैं | इससे पहले डॉ. साहब की करीब 10 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं और पाठकों ने बहुत पसंद की थी | हमें आशा है कि यह पुस्तक – मुद्दा उछलना चाहिए भी पाठकों को अत्याधिक पसंद आयेगी | 111 उम्दा रचनाओं के इस काव्य संग्रह के लिए कवि महोदय को कोटिश: शुभकामनाएं !

पुस्तक :- मुद्दा उछलना चाहिए
कवि :- डॉ. कौशल किशोर श्रीवास्तव
प्रकाशक :- उत्कर्ष प्रकाशन
मूल्य :- ₹100, वर्ष :- 2017
मुखपृष्ट :- मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
पुस्तक प्राप्ति :- 171, विष्णु नगर परासिया मार्ग, छिन्दवाडा, 480001, म.प्र.

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा