मत करो
जवाहरात के पन्नों में
अक्सर
दरारें होती हैं
जो,
केवल आंख से ही
दिखाई दे जाती हैं
इसलिए इनके दाम कम लगते हैं
कुछ लोग उनके इस दोष को
छिपाने के लिए
पन्नों पर तेल चुपड़ देते हैं
लेकिन,
सच्चे पारखी जौहरी की आंखों से
वे छिप नहीं पाती हैं
इसलिए
पन्नों की दरारों को
भरने की
कोशिश मत करो.
कुछ लोग
किसी को भी
साबित नहीं रहने देते हैं
इसलिए
दीवारों तक में
दरारें डालने की
कोशिश करते हैं
दीवारों में भले ही
दरारें न पड़ पाएं
पर,
उनके हाथों-पांवों में
अवश्य
दरारें पड़ सकती हैं
इसलिए
दीवारों में
दरारें डालने की
कोशिश मत करो.
कुछ लोग
अपने घर को तो
जोड़ नहीं पाते
पर,
दूसरों के घरों को
तोड़ने की
कोशिश करते हैं
दूसरों के घरों में भले ही
फूट न पड़ पाए
पर,
उनकी
नकारात्मक सोच के कारण
उनके अपने घर तो
अवश्य ही
तहस-नहस हो जाते हैं
इसलिए
दूसरों के घरों को
तोड़ने की कोशिश
मत करो,
मत करो,
मत करो.
‘अक्लमंद वह है जो दो अच्छी बातों में यह जान सके कि ज्यादा अच्छी बात कौन सी है। और दो बुरी बातों में यह जान सके कि ज्यादा बुरी बात कौन सी है। अच्छी व बुरी बातों में पहचान करने के बाद यदि उसे अच्छी बात बोलनी हो तो वह बात बोले जो ज्यादा अच्छी हो और यदि बुरी बात बोलने की लाचारी पैदा हो जाए तो वह बोले जो कम बुरी हो। यह बात सुनने में बेशक मामूली लग रही है, पर यदि इंसान इस राह पर चले तो वह न सिर्फ अक्लमंद कहलाएगा बल्कि बड़ी से बड़ी मुसीबत टालने में भी कामयाब हो जाएगा।’