लघुकथा

सलाम साहब

खाकी वर्दी पहने, हाथ में बैटन लिए छह साल के ईशान जब रचाकोंडा पुलिस आयुक्त के ऑफिस पहुंचे, तो उनका औपचारिक स्वागत हुआ. सबने सलाम साहब कहा, ईशान ने भी बैटन उठाकर और सलामी देते हुए इसे स्वीकार किया.

ईशान ने हैदराबाद के रचाकोंडा पुलिस कमिश्नर का पदभार संभालते ही कामकाज की जांच-पड़ताल की. पदभार संभालते ही ईशान ने कहा, ‘मैं शहर में महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहता हूं और इसके लिए आदेश भी दिए हैं. हम अपनी फोर्स में शी टीम के सदस्यों की संख्या बढ़ाएंगे.’

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया ने सवाल किया कि पुलिस कमिश्नर के रूप में वह पहला काम क्या करेंगे? इस पर ईशान ने तुरंत जवाब दिया, ‘मैं सीसीटीवी कैमरे लगवाऊंगा और मित्र पुलिस का माहौल बनाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि कैमरा चोरों को पहचानने में मदद करेगा.’

ईशान ऑफिस का दौरा कर रहे थे, अपने आस-पास मौजूद ऑफिसर्स से पूछताछ कर रहे थे और हाथ मिला रहे थे. उनके पीछे कैमरों की भीड़ थी.

जब सभी लोगों को महसूस किया कि शायद यह छोटा बच्चा थोड़ा सा अटेंशन मिलने से थोड़ा हिचकिचा रहा है, तभी सबको आश्चर्यचकित करते हुए ईशान ने कहा कि वह सभी चोरों को सलाखों के पीछे देखना चाहते हैं. यह सुनकर महेश भी हंस पड़े.

दरअसल 6 साल के इशान कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. ईशान बड़े होकर पुलिस कमिश्नर बनना चाहते हैं. एक एनजीओ की मदद से रचाकोंडा पुलिस आयुक्त ने ईशान की इच्छा पूरी करने का मन बनाया और एक दिन के लिए हैदराबाद पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्त किया. 

 

पुलिस आयुक्त महेश भागवत ने बच्चे के इलाज के लिए 10 हजार रुपये का एक चेक भी दिया. बच्चे के पिता डी चांद पाशा पेशे से पेंटर हैं. उन्होंने बताया कि जब ईशान की तबीयत थोड़ी ठीक होती है तो वह स्कूल भी जाता है.

 

बैटन (पुलिस की छड़ी)

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “सलाम साहब

  • लीला तिवानी

    10 दिन पहले ही एनजीओ मेक अ विश फाउंडेशन ने रचनाकोंडा पुलिस आयुक्त महेश भागवत को मेडक जिले के कंचनपल्ली निवासी ईशान की इच्छा के बारे में बताया था। भागवत ने कहा, ‘मेरे पास उसकी स्थिति को बयां करने के लिए शब्द नहीं है। वह एक जानलेवा बीमारी से जूझ रहा है और मैं उम्मीद करता हूं कि वह जल्द ही ठीक हो जाए ताकि एक दिन वह पुलिस में तैनात हो जाए।’ ईशान को हमारा भी ‘सलाम साहब’।

Comments are closed.