कविता

पत्थर को टूटना होगा

समुन्दर की गहराई में मुझे ढूँढना होगा

मैं पत्थर हूँ मुझे तरसना होगा

कहते हैं पत्थर से भी कठोर होते हैं लोग

सच्चे प्यार से उन्हें पिघलना होगा
तुम कहाँ हो ये पूछते रहते हैं लोग
अब उनको अपने ही दिल में खोजना होगा
तुम बोलते क्यों नहीं हो पूछते हैं लोग
अभी उनको मुझे और दर्द देना होगा
खफा अपनों से ही होते हैं अक्सर लोग
अभी जिंदगी में और सम्भलना होगा
कभी तो मेरी बात समझ पाएंगे ये लोग
कि पत्थर को भी कभी टूटना होगा
       – रमाकान्त पटेल

रमाकान्त पटेल

ग्राम-सुजवाँ, पोस्ट-ढुरबई तहसील- टहरौली जिला- झाँसी उ.प्र. पिन-284206 मो-09889534228