गीतिका/ग़ज़ल

मंदिर मस्ज़िद गुरुद्वारों से बाहर निकलो

मंदिर मस्ज़िद गुरुद्वारों से बाहर निकलो
आड़म्बर की मीनारों से बाहर निकलो

इससे पहले दम घुट जाए दीवारों में
तुम नफ़रत की दीवारों से बाहर निकलो

जिनमें केवल सत्ता का गुणगान भरा हो
ऐसे झूठे अख़बारों से बाहर निकलो

बाहर निकलों झूठे सपनों की दुनिया से
अब थोथे झूठे नारों से बाहर निकलो

धरती पुत्र लगातें हैं फाँसी खेतों में
सत्ता वालों दरबारों से बाहर निकलो

कब जागोगे कब तक अंधे भक्त रहोगे
सत्ता के इन जयकारों से बाहर निकलो

इससे पहले मानवता की साँस थमें तुम
कट्टरता के बाज़ारों से बाहर निकलो

सतीश बंसल
२३.०४.२०१८

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.