सामाजिक

माँ का स्पर्श 

कहते हैं हर माँ अपने बच्चे की सबसे बड़ी हकीम होती है | जब एक बच्चा जहां भर की परेशानियों से जूझकर घर आकर अपनी माँ की गोद में अपना सिर रखता है और माँ जब जहां भर की नर्मी लिए अपने ममता भरे हाथों को अपने बच्चे के माथे पर ज्यों ही स्पर्श करती है चाहे कैसी भी परेशानी हो , कोई भी दर्द हो हताशा और निराशा भरे दुःखद लम्हें मां की ममता भरे स्पर्श के जादू से एक पल में कहीं दूर गायब हो जाती है | माँ का स्पर्श अपने बच्चे के लिए जादू की तरह होता है | माँ का जादू उसकी सरलता एवं अपने बच्चे के लिए उसका निःस्वार्थ प्रेम होता है | अपने थके हुए बच्चे के लिए लोरियाँ और जहां की प्रतिस्पर्धा से अपने हारे हुए बच्चे के लिए ममता भरी थपकियाँ सच पूछें तो केवल एक माँ के पास ही होती हैं | माँ के आँचल की शीतल छांव में बच्चा अपना हर ग़म भूल जाता है | माँ उस बरगद के वृक्ष की भांति है जिसकी छांव तले एक अनोखे सुकून का अहसास होता है |
        माँ की लोरी में भले ही कोई सुर, ताल और लय न हों फिर भी माँ के केवल गुनगुना देने से ही मीठी निंदिया रानी बच्चे के पलकों पर जल्द झट से आ जाती है | दिन भर की थकान मानों माँ आवाज की मीठी धुन से एक पल में कहीं दूर गायब हो जाती है | जब सिर पे माँ का हाथ हों और वो माथे को धीरे -धीरे अपनी जादू भरी अंगुली के स्पर्श से सहला रही हो तो हमें केवल माँ के वजूद का अहसास ही नहीं कराती बल्कि माँ स्पर्श के रूप में हमें ढेर सारी सुकून और दुआएं भी देकर जाती है | माँ के डाट और फटकार में भी प्यार छिपी रहती है | माँ ही हमारी प्रथम गुरु होती है , माँ से बड़ा गुरु कोई नहीं होता संसार का सबसे महत्वपूर्ण ज्ञान हमें हमेशा माँ से ही प्राप्त होती है | माँ के हाथों को थामें हम जिंदगी का पहला सबक सिखते हैं | माँ शब्द के उच्चारण में ही जादू समाया हुआ है | बच्चा ,सर्वप्रथम अपने मुँह से माँ शब्द ही बोलना सीखता है | टी. टॉल्मेज के शब्दों में कहा जाय तो माँ उस बैंक की तरह होती है ,जहां हम अपने सारे दुःख -दर्द जमा कर सकते हैं | कहा जाता है कि माँ के क़दमों में जन्नत होती है , बड़े किस्मत वाले होते हैं वो लोग जो माँ की परवाह करते हैं | हम कितने भी बड़े हो जायं हमें जब भी कोई दर्द हो माँ शब्द ही के उच्चारण सर्व प्रथम हमारे मुख पर आता है | माँ अपने बच्चे की हर गलती को हमेशा माफ़ कर जाती है | माफ करना अपने बच्चे को सही राह दिखाना यही तो हर माँ की उदारता है | माँ ईश्वर से भी ऊपर होती है क्यूंकि ईश्वर बिन पूजे कहीं नहीं रहता , सूने मंदिर में भी एक दीया जलाया जाता है | लेकिन एक माँ निःस्वार्थ भाव से अपने लिए बिना कुछ मांगे अपने बच्चे और अपने परिवार की खुशहाली और सलामती की ईश्वर से दुआ करती है |
     माँ के मुस्कुराते चेहरे में दुनियां का सबसे बड़ा जादू समाहित होता है | घर आकर माँ का खिला चेहरा दिख जाए तो एक अनोखा सुकून -सा मिल जाता है | घर -आँगन खिला -खिला सा लगता है | हर बच्चा यह जनता है कि माँ जब घर में हो तो कितनी सुकून भरी नींद आती है | माँ की ममता , माँ का स्नेह , माँ की गोद की शीतल ठंडी छांव , माँ की सरलता , इसे शायद शब्दों में कभी बयां नहीं किया जा सकता इसे केवल महसूस किया जा सकता है | माँ मासूम और सरल ही रह जाती है और उसके बच्चे बड़े हो जाते हैं ,सच माँ के कदमों में जन्नत होती है | माँ का मातृऋण हम कभी नहीं चूका सकते | जननी जन्म भूमिशच्य स्वर्गादपि गरियासि | अर्थात जननी और जन्म भूमि स्वर्ग से भी बढ़कर होती है |
विनीता चैल 

विनीता चैल

द्वारा - आशीष स्टोर चौक बाजार काली मंदिर बुंडू ,रांची ,झारखंड शिक्षा - इतिहास में स्नातक साहित्यिक उपलब्धि - विश्व हिंदी साहित्यकार सम्मान एवं विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित |