“वैशाख की वैशाखी”
अंदाजा लगाना मुश्किल है कि किसने किसको कब और कैसे मूर्ख बनाया होगा। मार्च यानी चैत्र माह हिसाब-किताब का महीना
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Read Moreविधान – 25 मात्रा, 16,9 पर यति, चरणान्त में 212 या गालगा l कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत
Read More“कुंडलिया” मन में आग धधक रही, जल जाता वन बाग गर्मी से राहत कहाँ, तरह तरह चित राग तरह तरह
Read Moreहै मुहब्बत अगर तो अना छोड़ दो। या मुहब्बत का ये फैसला छोड़ दो। ख्वाहिशे वस्ल है फिर ये कैसी
Read More(कल्पना कुछ ऐसी है- देर रात थक कर लौटे पति को पत्नी नहीं चाहती कि वह जल्दी उठे ऐसे में वह
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