हास्य व्यंग्य

सोने से घड़ाई महँगी

यह तो जग जाहिर है कि जितनी राशि ऋण वसूली करके सरकारी खजाने में नहीं आती है उससे कई अधिक राशि उसे वसूलने में खर्च हो जाती हैं. किसानों को प्याज के कारण जो आँसू आए थे उन्हें पोछने के लिए सरकार ने किसानों से जो प्याज ख़रीदकर गोदामों में रखा था, उन गोदामों का किराया गोदामों में रखे गये प्याज के मूल्य से अधिक हैं. किसानों को जितनी राशि की ऋण माफी मिली उससे कई गुना राशि किसानों को ऋण माफी के प्रमाणपत्र वितरित करने के कार्यक्रमों में खर्च हुई. सरकारी कार्यालयों में नया फर्नीचर या नई सामग्री खरीदने का बजट कम रहता है और रिपेयरिंग का बजट अधिक होता है. इन सरकारी कार्यालयों में सामग्री के खरीदी मूल्य से उसकी रिपेयरिंग पर अधिक राशि आसानी से स्वीकृत होकर खर्च हो जाती हैं.

देश में नदियों की सफाई के लिए करोड़ों रूपये खर्च करने के बावजूद नदियों की हालत बद से बदतर होती गई. देश की नदियों की सफाई के लिए जितनी राशि खर्च हुई है उससे कम राशि में ही कई नई नदियों, तालाबो और कुओं का निर्माण हो सकता था और देश बाढ़ और सूखा दोनों ही समस्याओं से निजात पा सकता था. बाढ़ और सूखे से कुछ लोगों को रोज़गार मिलता हैं. यदि देश में बाढ़ और सूखे की समस्या का समाधान हो जाए तो कुछ लोग बेरोज़गार हो जाएँगे और बेरोज़गारी की समस्या बढ़ जाएगी. सरकारी अधिकारी इवेंट मेनेजमेंट के बड़े विशेषज्ञ बन गये हैं. ये सभी सरकारी योजनाओं में कम से कम राशि खर्च करके सरकारी योजनाओं में किए गये कार्यों के प्रचार-प्रसार पर अधिक राशि खर्च करके सरकार के सामने वही तस्वीर पेश करती है जो सरकार देखना चाहती हैं. हाँ वैसे सही भी है सरकार आँकड़ों से चलती हैं और ये विकास के आँकड़े सरकारी अधिकारी ही उपलब्ध करवाते हैं.

सरकारी निर्माण कार्यों में सीमेंट कम और रेत अधिक इसलिए मिलाई जाती है ताकि समय-समय पर रिपेयरिंग के काम चलते रहे. रिपेयरिंग के कार्यों में लोगों को रोज़गार भी मिलता रहता है और जनता भी प्रसन्न रहकर देश के विकास को अपनी आँखों से देखती रहती हैं. देश के लिए खिलाड़ी गोल्ड जीत कर लाते हैं. इन खिलाड़ियों के पास अपने चाहने वालों को मिठाई खिलाने के लिए पैसे नहीं होते है क्योंकि इस देश में खेलों के लिए बजट की राशि तो अधिक होती है किंतु वह राशि इन खिलाड़ियों पर कम खर्च होती है और उन महानुभावों पर अधिक खर्च होती है जो इन खिलाड़ियों का चयन करते है, या ऐसा कहिए कि जिनकी कृपा से इन खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने का मौका मिलता हैं. `सोने से घड़ाई महँगी` इस कहावत को हमारे देश के कर्णधार प्रामाणिकता के साथ प्रमाणित कर रहे हैं.

दीपक गिरकर

दीपक गिरकर

स्वतंत्र टिप्पणीकार 28-सी, वैभव नगर, कनाडिया रोड, इंदौर- 452016 मोबाइल : 9425067036 मेल आईडी : deepakgirkar2016@gmail.com

One thought on “सोने से घड़ाई महँगी

  • कुमार अरविन्द

    सुंदर

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