कहानी

  बेटी

एक शहर में एक लड़की रहती थी जिसका नाम जहाना था , वह दिखने में बहुत ही सुंदर थी कद लम्बा , बाल रस्सी की तरह एक दम सीधे ! वह आपने अम्मी और अबू की तीसरी ओलाद थी उसके अन्य एक भाई एक बहन भी थे , जहाना बहुत समझदार थी वह अपने जीवन में  आगे बढ़ना चाहती थी ! वह चाहती थी की अल्लाह  मिया उसका साथ दे ताकि वह आपने जीवन में आगे बढ़ कर आपने परिवार वालो का सपना पूरा कर सके ताकि उसके भाई बहन को अच्छी शिक्षा मिल सके और अम्मी अबू को चैन की सांस मिल सके !

एक दिन वह जब स्कूल जाती है तो उसको पता चलता है की उसने पूरी कक्षा में प्रथम श्रेणी प्राप्त की है वो यह बात सुन कर ख़ुशी से भागती हुई आपने घर आती है , और यहाँ खबर वह अपने अम्मी अबू  को बताती है जहान की तो ख़ुशी का ठिकान नहीं होता क्युकि उसे अपने सपने सच होते दिखाई देने लगे थे ! वह अब आगे पड़ना चाहती थी जिसके लिए उसको शहर जान होगा क्युकि गांव में १२ के बाद की पढ़ाई नहीं थी ! जहान का सपना उसके अम्मी अबू  का भी सपना था, जो वो किसी भी हाल में पूरा करना चाहती है जहान के अबू  कैसे तैसे पैसो का इंतजाम करके जहान को पढ़ाई के लिए शहर रवाना कर देते है ताकि वह सर उठा कर अपना जीवन जी सके !

जहान का दिल्ली में आते ही  दखिला आसानी से हो गया क्युकि वह पढ़ाई में खूब अच्छी थी इसलिए उसको दखिले के लिए कोई मना नहीं कर सका ! जहान अब खुश थी क्युकि सब कुछ वैसा ही चल रहा था जैसे उसने सोचा था ! अब उसे विश्वास था की वह अब अपने सपने पूरे कर लेगी !

एक दिन जहान  पुस्तकालय में पढ़ रही थी तभी उसकी अचानक मुलाकात जसबीर से होती है जसबीर भी देखने में साधारण सा और कॉलेज में सब की मदद करने वाला लड़का था , वह किसी को भी परेशानी मे नहीं देख सकता वह आगे आकर सब की मदद करता और हर सच्चे सिख की तरह केश और पगड़ी रखता था ! जहान और जसबीर की बातो का सिलसिला जो उस दिन शुरू हुआ वह आगे बढ़ता जा रहा था , कभी कैंटीन  मे, कभी पुस्तकालय तो कभी बाग  मे जैसे जैसे बाते आगे बढ़ने लगी थी, वैसे ही उन दोनों की नजदीकिया भी बढ़ने लगी ! एक दिन ऐसा आता है इन दोनों के जीवन में जब उन  दोनों का प्रेम इतना आगे बढ़ गया की सारी हदे टूट गयी ! सरे धर्म पीछे छूट गए अगर कुछ बचा था तो वो था केवल प्रेम.

कुछ रोज बीतने के बाद जहान को पता चला की वह पेट से थी इसके बाद तो मानो उसके पैरो तले से जमीन निकल गई उसे ऐसा लगा मानो की उसकी दुनिया ही रुक गयी उसे  लगा की अब उसके वो सब सपने टूट जायेगे जिनके दम पर वह दिल्ली आयी थी वह तुरत जसबीर को फ़ोन मिलती है और उसे सब कुछ बता देती है उसे लगा था की जसबीर उसका साथ देगा , लेकिन

” जसबीर तो हर उस आदमी की तरह निकला जो नारी को केवल मनोरजन की दृस्टि से देखता है ”

उसने तुरत कहा की तुम मुस्लिम हो और मैं सिख हम दोनों के धर्म एक दूसरे से काफी अलग है जिस वजह से मेरे घर वाले तुम्हे कभी नहीं अपनाये गे  अत: इसलिए यहाँ बेहतर होगा की हम आपने रास्ते अलग अलग कर ले ! यही तुम्हारे और मेरे लिए अच्छा होगा !

यहाँ सब बाते  सुन कर जहान बौखला उठी और कहती है कि

”  तुम्हे  अब पता चल की हम दोनों अलग अलग धर्म से है क्या तुम्हे ये धर्म की बात तब याद नहीं आयी जब तुम मेरे साथ एक बिस्तर पर थे और मुझे छुआ था तब कहा गया था तुम्हारा वहा सिख धर्म जसबीर !!!”

इतना कहे कर वह फ़ोन पटक  देती है

जहान पर हार नहीं मानती वह अपनी अम्मी  को आपने पास बुलाती है और सारी सच्चाई बता देती है , तब उसकी अम्मी उसको समझती है!

” बेटी बिना ब्यहि लड़की को समाज में कोई जगह नहीं देता है जहान मेरी बात मानो हम अभी इस बच्चे को गिरा देते है नहीं तो तुम्हे सारी जिंदगी यहाँ पीड़ा सहन करनी पड़ेगी ”

जहान कोई जवाब नहीं देती वह अभी भी चुप चाप  अपनी अम्मी को घूरे जा रही है

कुछ देर अपनी बेटी को देखने के बाद अम्मी जहान को हिलाते हुए कहती है

“जहान होश में आओ अगर कल को यहाँ बच्चा आपने पिता का नाम पूछेगा तो तुम क्या बताओगी ”

अम्मी थक कर नीचे बैठ जाती है और फिर कहती है

” बेटी तुम्हे कल को शर्मिदा ही होना पड़ेगा मेरी बात माना लो कोई भी अम्मी अपनी बेटी का दर्द नहीं देख सकती”

पर शायद जहान के मन में तो कुछ और ही चल रहा था वह यहाँ सोच चुकी थी की वह इस बच्चे को जन्म देगी और आपने पास ही रखेगी !

अत :  जहान की माँ को भी अपनी बेटी की ख़ुशी के लिए उसका साथ देना पड़ता  वह फैसला करती है कि वह जहान का साथ देगी और वह तुरत जहान की नानी को तार भेज कर दिल्ली बुला  लेती है

अल्लाह की देन से ९ महीने बाद जहान  एक बेटी  को जन्म देती है जहान  का सपना तो बस अब अपनी संतान को बहुत प्रेम देना था वह बहुत खुश थी, वह दिन रात अपनी बेटी के साथ वक़्त बिताती है अब  उसे समाज का  कोई डर नहीं है उसे ऐसा लगता है मानो सारी दुनिया की दौलत उसे मिल गयी हो !

कुछ दिन बाद जहान की अम्मी उसे कहती है

” बेटी अब तुम खुश होना की तुम्हारा बच्चा तुम्हारे हाथो में है ”

” हा अम्मी अब मैं  बहुत खुश हु अगर आप मेरे साथ न देती तो शायद ये सब मुमकिन नहीं होता ”

अम्मी कहती है

” ठीक है बेटी अब तुम्हे मेरी एक बात माननी पड़ेगी कसम है की तुम इंकार नहीं करोगी ”

ठीक है अम्मी कहो

” तुम इस बेटी को पालो उसे खूब प्यार देना पर उसकी बड़ी बहन बन कर ”

इतना  सुना ही था कि  जहान की आँखें खुली की खुली रहे जाती है वह चाह कर भी कोई जवाब नहीं दे पाती !

उसे समझ आ गया था की उसकी माँ पिछले ९ महीने से गांव क्यों नहीं गयी थी.

 

 

चांदनी सेठी कोचर

नाम : चाँदनी सेठी कोचर जन्म तिथि : 12-12-1989 पिता का नाम : (स्व.) रमेश सेठी माता का नाम : श्रीमती वीना सेठी पति का नाम : डॉ. शुभंकु कोचर शिक्षा : बी.एड , एम.ए ( हिंदी साहित्य ) , बी.ए. साहित्य रुचि : महिला साहित्य और दलित साहित्य विधा : कहानी , लघु कथा , कविता, लेख. मोबाइल : 9818356504 ईमेल : chandnikochar@gmail.com प्रकाशित रचनाओं का विवरण - वर्तमान लेखन: दैनिक व साप्ताहिक अखबारों, पत्रिकाओं में कहानी, कविता, लघु कथा सामाजिक लेख. दैनिक विजय दर्पण टाइम्स, स्वैच्छिक दुनिया, जागरूक जनता, चलते फिरते, अमृत इंडिया, दैनिक राष्ट्रीय नवाचार, अमर उजाला आदि ! PUBLICATION INFORMATION: 1. Book Details: S.No Title Type Book Name ISBN NO. Publishers 1 “बेटी” लघुकथा साझा संग्रह दीप देहरी 978-81-934061-6-8 Udeept Prakashan 2 “अनोखा रिश्ता” लघुकथा साझा संग्रह दीप देहरी 978-81-934061-6-8 Udeept Prakashan 3 “कामवाली” काव्य साझा संग्रह साहित्य उदय 978-81-934189-0-1 Udeept Prakashan 4 “खुशनसीब” काव्य साझा संग्रह साहित्य उदय 978-81-934189-0-1 Udeept Prakashan 5 “हार से मुकाबला” काव्य साझा संग्रह साहित्य उदय 978-81-934189-0-1 Udeept Prakashan 6 “अधूरा इश्क़” कहानी साझा संग्रह “दस्तक” 978-93-5300990-8 रवीना प्रकाशन 7 अनकहा दर्द काव्य साझा संग्रह भाव कलश 978-81-9381039-2 सन्मति पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स 8 एक सवाल काव्य साझा संग्रह भाव कलश 978-81-9381039-2 सन्मति पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स 9 आज की नारी काव्य साझा संग्रह भाव कलश 978-81-9381039-2 सन्मति पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स 10 माँ की याद काव्य साझा संग्रह भाव कलश 978-81-9381039-2 सन्मति पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स 2 लघु कथाएं :- (Short Stories) • अजब – गजब • अनोखा रिश्ता • अमूल्य वस्तु • कन्यादान • जैसी करो और वैसी भरो • बेटी • मन की बात • रेणु 3 . काव्य : - (Poetry) • काम वाली • खुशनसीब • हार से मुकाबला • मोहब्बत का दर्द • एक जवाब • पुराने जख़्म • भेद - भाव • मीठी यादें • मातृ प्रेम का अहसास • रिश्ता • सोचना जरूर • सम्मान • आज की नारी • पिता • मजदूर पिता • मेरी कलम • अनकहा दर्द • एक सवाल • नारी का त्याग • माँ • एक वेश्या • दर्द ए इश्क़ • प्यारा काकू • पर्यावरण की देन • योग के लाभ • पिता प्रेम • एक किन्नर • पहली बारिश • रक्षा का वादा 4. कहानियाँ: (Stories) • यादगार सफर • अधूरा इश्क़ • अनहोनी • विश्वास • अनोखी यात्रा • “खामोश प्रेम” • आधुनिक दहेज़ • रोटी • अस्तित्व • संघर्ष और विजय • मुखौटा • कागज़, कलम और फ़ोन 5 पत्रिका :- (Magazine) पत्रिका का नाम विधा रचना का नाम काव्य स्पंदन चित्र गुप्त प्रकाशन कविता आज की नारी काव्य स्पंदन चित्र गुप्त प्रकाशन कविता पिता काव्य स्पंदन चित्र गुप्त प्रकाशन कविता मातृ प्रेम का अहसास काव्य स्पंदन चित्र गुप्त प्रकाशन कविता मजदूर पिता काव्य स्पंदन चित्र गुप्त प्रकाशन कविता मेरी कलम प्रणाम पर्यटन पत्रिका कविता एक सवाल जय विजय पत्रिका कहानी “बेटी जय विजय पत्रिका कविता मेरी कलम प्रणाम पर्यटन पत्रिका कविता एक वेश्या जय विजय पत्रिका कहानी संघर्ष और विजय अविचल प्रवाह लघुकथा रेणु अविचल प्रभा कविता मज़दूर पिता डिप्रेस्ड एक्सप्रेस मैगज़ीन कहानी आधुनिक दहेज़ नारी शक्ति सागर कविता पिता सम्मान- (Award) उदीप्त प्रकाशन द्वारा लघु कथा के लिए श्रेष्ठ युवा रचनाकार सम्मान ! उदीप्त प्रकाशन द्वारा काव्य के लिए श्रेष्ठ युवा रचनाकार सम्मान ! साहित्य संगम संस्थान द्वारा बोली संवर्धन कार्यक्रम में प्राप्त सम्मान पत्र मई – 2018. साहित्य संगम संस्थान द्वारा बोली संवर्धन कार्यक्रम में प्राप्त सम्मान पत्र जून – 2018. साहित्य संगम संस्थान द्वारा आयोजित ऑनलाइन कवि सम्मेलन में भाग लेकर पर्यावरण के संरक्षण एवम् सम्वर्धन में शानदार प्रस्तुति के लिए सम्मान पत्र 2018. साहित्य संगम संस्थान द्वारा बोली संवर्धन कार्यक्रम में प्राप्त सम्मान पत्र जुलाई – 2018. साहित्य संगम संस्थान द्वारा बोली संवर्धन कार्यक्रम में प्राप्त सम्मान पत्र जुलाई – 2018. साहित्य संगम द्वारा बोली संवर्धन कार्यक्रम में प्राप्त सम्मान पत्र अगस्त – 2018 आगमन फाउंडेशन द्वारा लाइफ टाइम मेम्बर अवार्ड – 2018 साहित्य संगम संस्थान द्वारा व्याकरण शाला दैनिक कार्य में प्राप्त सम्मान पत्र 9 जुलाई – 2018. साहित्य संगम संस्थान द्वारा व्याकरण शाला दैनिक कार्य में प्राप्त सम्मान पत्र 12 जुलाई – 2018. आगमन फाउंडेशन द्वारा “भाव कलश” में रचनाकार सहयोग के लिए "सर्वश्रेष्ठ रचनाकार का सम्मान " महान कवि "डॉ. डॉ कुंवर बेचैन "के हाथों से प्राप्त - अगस्त – 2018. साहित्य संगम संस्थान द्वारा जनचेतना सम्मान पत्र प्राप्त अगस्त – 2018 उन्नंती शिक्षा संस्थान हिसार द्वारा आयोजित कार्यक्रम अग्गाज बेटियों का में "राज्य सभा सांसद दिल्ली सुशील कुमार गुप्ता" द्वारा "गैस्ट ऑफ ऑनर अवॉर्ड" का सम्मान मिला 30-अगस्त – 2018. आगमन फाउंडेशन द्वारा “ऑनलाइन प्रतियोगिता" में भागा लेकर दूसरे स्थान पर मेरी कहानी " कागज़, कलम और फ़ोन" के लिए सम्मान पत्र मिला ! आगमन फाउंडेशन द्वारा “ऑनलाइन प्रतियोगिता" में भागा लेकर दूसरे स्थान पर मेरी कहानी “उत्सव” के लिए सम्मान पत्र मिला ! उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में "काव्य रंगोली पत्रिका द्वारा साहित्य भूषण सम्मान 2018 से सम्मानित किया गया ! "आमंत्रण" मस्तानी दिल्ली के कार्यक्रम में "गैस्ट ऑफ ऑनर अवॉर्ड" से सम्मानित किया गया ! तमन्ना उड़ान के द्वारा आयोजित कार्यक्रम "तमन्ना उड़ान की " 101 महिलाओं की सूचि में मुझे भी सम्मानित किया गया ! संपादन पत्रिका : अविचल प्रभा अंक -13 , माह – सितम्बर. अविचल प्रभा अंक - 14 , माह – अक्टूबर . अविचल प्रभा अंक - 15 , माह – नवंबर. GUEST OF HONOUR Visited as a Judge in Lady Irwin College (Delhi ) for poetry competition on 28 August 2018. Visited as a Judge in Unnati Educational Society (Hissar) on 30 August 2018. साहित्य अर्पण ( एक नई सोच ) अयोनाकर्ता का कार्य , नये कवियों को मंच देना ! दिसंबर में ही साहित्य अर्पण की पहली पत्रिका का भी आगमन हुआ है ! जग़ह - जगह कवि सम्मेलन का आयोजन करना, ताकि मंच पर सभी विधो में लिखने वालों को स्थान मिले ! CHANDNI SETHI KOCHAR +91-9818356504 Mail id : chandnikochar@gmail.com Facebook : chandni sethi kochar