कहानी

विश्वासघात

रेखा और मनीषा बचपन की दोस्त थी !  रेखा मनीषा से सुन्दर थी , रेशमी काले बाल , जो काफी लम्बे थे , गोरा रंग और वही मनीषा दिखने में  ज्यादा सुन्दर नहीं थी , पर  , वे सब की मदद करती थी , सब से प्यार से बात करती और सब का ख्याल भी रखती थी ! दोनों हमेशा साथ रहती, और कही जाना भी होता तो एक साथ ही जाया करती थी !  दोनों में बहुत प्रेम था , शायद बिलकुल सगी बहेनो जैसा, और यहाँ तक,  कि वे कभी  भी एक दूसरे से कोई बात भी नहीं छिपाती थी, आज उनकी उम्र करीब – करीब 19-20 के आस – पास है , रेखा अपने मम्मी – पापा की एक ही एक बेटी थी , और मनीषा एक का एक भाई था ! जो बचपन से नैनीताल में ही पढ़ता था ,और ३ साल पहले ही पढ़ाई पूरी करके दिल्ली आया था  !  रेखा जब भी अपने घर अकेले बोर होती , तो वे मनीषा के घर आ जाया करती थी , ताकि उसे अकेलापन महसूस न हो !

रेखा और मनीषा अब कॉलेज जाती है , पर अकेले – अकेले , क्योकि अब वे एक दूसरे से बात तो  क्या एक दूसरे का चेहरा भी नहीं देखना पसंद करती !  आखिर अचनाक आज इतने सालो बाद , आज ऐसा क्या हो गया था  , कि इन दोनों सहेलियों को एक दूसरे से अलग होना पड़ा !

बात करीब 3 साल  पहले की है , जब रेखा मनीषा के घर खेलने आया करती थी , तब उसकी उम्र कुछ करीबन 16 साल की होती होगी  , श्याम के 4 बजे थे , रेखा ने अपने स्कूल का सारा काम खत्म किया , और दूध पीकर मनीषा के घर खेलने के ली घर से निकल गयी ! रास्ते में जाते – जाते रेखा सोच रही थी , कि आज तो वे मनीषा को खेल में हरा कर रहेगी , क्युकी मनीषा उससे हमेशा जीत जाती थी ! , यही सोचते – सोचते मनीषा का घर कब  आ गया , उसे पता ही नहीं चला ! उसने देखा की घर का गेट खुला हुआ था , पर कोई दिखाई नहीं दे रहा था , वे अंदर चली गयी , और मनीषा को आवाज देने लगी , काफी देर तक आवाज देने पर जब कोई नहीं आया,  तो वे जैसे ही घर से बहार आने वाली ही थी , तो अचनाक उसे मनीषा के कमरे से कुछ आवाज आयी , और उससे लगा , कि शायद मनीषा टी.वी देख रही है , इसलिए उसकी आवाज उसे सुनाई नहीं दे रही है , वे वापस घर के अंदर आयी , और मनीषा के कमरे में गयी , वह मनीषा तो नहीं थी , पर उसका बड़ा भाई था ,  जो १९ साल का था , जो आज ही अपनी पढ़ाई पूरी करके घर आया था  , जिसका नाम कार्तिक था , उसकी सारी पढ़ाई नैनीताल के स्कूल में हुई थी , और कार्तिक नैनीताल में अपनी नानी के घर पर ही रहता था , बस होली या दिवाली ही आया करता था , इसलिए उसे पता ही नहीं था , कि रेखा मनीषा की दोस्त है, इसलिए जैसे रेखा अंदर आयी , वे थोड़ा चौक गया था , क्योंकि वे रेखा से आज पहली बार मिल रहा था !

रेखा ने पूछा ” मनीषा कहा है ”

कार्तिक ने कहा ” मनीषा मामा के घर गयी है !

रेखा “अच्छा ठीक है , पर आप कौन है ?

कार्तिक ” मैं मनीषा का बड़ा भाई हु

रेखा “अच्छा तो आप है , कार्तिक भईया

कार्तिक ” थोड़ा गुस्से में  ( क्यूकि वे मोबाइल पर खेल रहा था ) ” हा मैं ही हु कार्तिक , मनीषा का भाई ! और कुछ पूछना है !

रेखा ” नहीं , ठीक है , मैं जाती हु , अगर मनीषा आये तो , कहे देना की मैं आयी थी !

कार्तिक ” ठीक है , अब आप जा सकती है

रेखा ने अलविदा कहा , और वे  वहाँ से चली गयी !

कार्तिक घर से बाहर रहा था , काफी समय इसलिए थोड़ा बिगाड़ हुआ , और गुस्से वाला था , उसे अभी भी घर रहना बिलकुल भी पसंद नहीं था , वो तो बस रोज यही सोचता , कि जल्दी से उसका दाखिला कही कॉलेज में हो , और उसे घर से आजादी मिले ! पर कॉलेज में दाखिले में अभी समय था , करीबन २ माह , तक कार्तिक को घर ही रहना था , चाहे कुछ भी क्यों न हो जाये !

एक दिन संडे का दिन था , मनीषा के मम्मी – पापा ने सुबह के नाश्ते के लिए रेखा के घर वालो को आज बुलया हुआ था , क्युकी दोनों परिवार एक दूसरे के बहुत करीब थे , इसलिए आना – जाना लगा रहता था ! रेखा और उसके परिवार वाले , मनीषा के घर आते है ! और फिर जो बातो का सिलसिला शुरू हुआ , वे चलता ही रहा था , रेखा और मनीषा तो अपनी बातो में लग जाते है , पर कार्तिक बोर हो रहा होता है , यही सब देख कर मनीषा के मम्मी – पापा यह फैसला करते है , कि आज सब लोग कही घूमे चलेंगे , ताकि बच्चो का भी कुछ माहौल बदल सके, ये सब सुन कर सब खुश हो गए  , और जाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी थी !

सब और मनीषा के फर्म हाउस पर आते है , जो दिल्ली से करीब 60 किलो मीटर दूर था , आते – आते सब को दोपहर हो गयी थी , पर सब खुश थे , की आज शांति से दो पल आराम से रहेंगे ! बड़े तो अपनी बातो में लग जाते है , बाकि बच्चे नये – नये खेल सोच रहे थे , कि क्या खेले और कैसे !

रेखा और मनीषा कार्तिक के पास आये , कार्तिक बैठ कर कोई नावेल पढ़ रहा था , क्युकी वो आपने आप को काफी अकेला महसूस कर रहा था , लेकिन रेखा और मनीषा ने आज सोच लिया था , कि जो भी खेल आज खेलेंगे , उसमे कार्तिक को भी साथ खिलाएं गे , बस फिर क्या था , उन सब ने साथ बैठ कर एक योजना बनाई , कि हम तीनो मिल कर , सारा फार्म हाउस घूमेंगे और अच्छे – अच्छे फल तोड़ कर खायेगे !

सब मिलकर खेल रहे होते है , और बड़े अपनी बातो में ही व्य्स्त होते है !  रेखा , मनीषा और कार्तिका फार्म हाउस देखने के लिए निकल पड़ते है , क्युकी कार्तिक को भी कभी देखने का वक़्त नहीं मिला था , और रेखा ने तो कभी देखा ही नहीं था , इसलिए सारे रस्ते मनीषा बता रही थी , क्युकी वे काफी बार यहाँ आ चुकी थी !  मनीषा ने कार्तिक और रेखा को सबसे पहले आम के खूब सरे पेड़ दिखये , उसके बाद वे लोग फूलो के बाग के पास आये , जहॉ काफी अलग – अलग तरह के फूल थे , जैसे कि , गुलाब , चमेली , रात की रानी , सूरजमुखी , गुलबहार , और नीलकमल अदि !  मनीषा और रेखा तो तरह – तरह के फूल इकठे करने लगी , और बहुत खुश होने लगी !

अचानक चलते – चलते कार्तिक और रेखा देखते है , कि मनीषा काफी धीरे – धीरे चल रही थी , क्युकी उसकी शायद तबियत ख़राब होने लगी  थी ! वो एक पेड़ के नीचे जा बैठी , क्युकी गर्मी बहुत थी , शायद इसलिए उसकी तबियत ख़राब होने लगी थी ! अब वो अब और नहीं चल सकती थी ,  इसलिए उसने रेखा और  कार्तिक से बोल कि :

” तुम लोग चलो मैं कुछ खाकर आती हु ”

परन्तु रेखा ने कहा कि

“नहीं हम सब साथ चलेंगे , हम दोनों तुम्हारे साथ ही चलते है !

पर मनीषा न माननी और रेखा और कार्तिक को जाने के लिए अपनी कसम दे दी !

” तुम दोनों को मेरी कसम है , तुम लोग आगे चलो , मैं 10 – 15 तक आती हु ”

अब रेखा और कार्तिक मनीषा को ना नहीं कहे सके , और कहा

” ठीक है , मनीषा हम तुम्हारा इंतज़ार करेगे , नदी के पास ”

मनीषा ने कहा ” ठीक है अब तुम लोग जाओ ”

मनीषा की बात खत्म होते ही , कार्तिक और रेखा दोनों आगे चल पड़े थे !

 

चांदनी सेठी कोचर

नाम : चाँदनी सेठी कोचर जन्म तिथि : 12-12-1989 पिता का नाम : (स्व.) रमेश सेठी माता का नाम : श्रीमती वीना सेठी पति का नाम : डॉ. शुभंकु कोचर शिक्षा : बी.एड , एम.ए ( हिंदी साहित्य ) , बी.ए. साहित्य रुचि : महिला साहित्य और दलित साहित्य विधा : कहानी , लघु कथा , कविता, लेख. मोबाइल : 9818356504 ईमेल : chandnikochar@gmail.com प्रकाशित रचनाओं का विवरण - वर्तमान लेखन: दैनिक व साप्ताहिक अखबारों, पत्रिकाओं में कहानी, कविता, लघु कथा सामाजिक लेख. दैनिक विजय दर्पण टाइम्स, स्वैच्छिक दुनिया, जागरूक जनता, चलते फिरते, अमृत इंडिया, दैनिक राष्ट्रीय नवाचार, अमर उजाला आदि ! PUBLICATION INFORMATION: 1. Book Details: S.No Title Type Book Name ISBN NO. Publishers 1 “बेटी” लघुकथा साझा संग्रह दीप देहरी 978-81-934061-6-8 Udeept Prakashan 2 “अनोखा रिश्ता” लघुकथा साझा संग्रह दीप देहरी 978-81-934061-6-8 Udeept Prakashan 3 “कामवाली” काव्य साझा संग्रह साहित्य उदय 978-81-934189-0-1 Udeept Prakashan 4 “खुशनसीब” काव्य साझा संग्रह साहित्य उदय 978-81-934189-0-1 Udeept Prakashan 5 “हार से मुकाबला” काव्य साझा संग्रह साहित्य उदय 978-81-934189-0-1 Udeept Prakashan 6 “अधूरा इश्क़” कहानी साझा संग्रह “दस्तक” 978-93-5300990-8 रवीना प्रकाशन 7 अनकहा दर्द काव्य साझा संग्रह भाव कलश 978-81-9381039-2 सन्मति पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स 8 एक सवाल काव्य साझा संग्रह भाव कलश 978-81-9381039-2 सन्मति पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स 9 आज की नारी काव्य साझा संग्रह भाव कलश 978-81-9381039-2 सन्मति पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स 10 माँ की याद काव्य साझा संग्रह भाव कलश 978-81-9381039-2 सन्मति पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स 2 लघु कथाएं :- (Short Stories) • अजब – गजब • अनोखा रिश्ता • अमूल्य वस्तु • कन्यादान • जैसी करो और वैसी भरो • बेटी • मन की बात • रेणु 3 . काव्य : - (Poetry) • काम वाली • खुशनसीब • हार से मुकाबला • मोहब्बत का दर्द • एक जवाब • पुराने जख़्म • भेद - भाव • मीठी यादें • मातृ प्रेम का अहसास • रिश्ता • सोचना जरूर • सम्मान • आज की नारी • पिता • मजदूर पिता • मेरी कलम • अनकहा दर्द • एक सवाल • नारी का त्याग • माँ • एक वेश्या • दर्द ए इश्क़ • प्यारा काकू • पर्यावरण की देन • योग के लाभ • पिता प्रेम • एक किन्नर • पहली बारिश • रक्षा का वादा 4. कहानियाँ: (Stories) • यादगार सफर • अधूरा इश्क़ • अनहोनी • विश्वास • अनोखी यात्रा • “खामोश प्रेम” • आधुनिक दहेज़ • रोटी • अस्तित्व • संघर्ष और विजय • मुखौटा • कागज़, कलम और फ़ोन 5 पत्रिका :- (Magazine) पत्रिका का नाम विधा रचना का नाम काव्य स्पंदन चित्र गुप्त प्रकाशन कविता आज की नारी काव्य स्पंदन चित्र गुप्त प्रकाशन कविता पिता काव्य स्पंदन चित्र गुप्त प्रकाशन कविता मातृ प्रेम का अहसास काव्य स्पंदन चित्र गुप्त प्रकाशन कविता मजदूर पिता काव्य स्पंदन चित्र गुप्त प्रकाशन कविता मेरी कलम प्रणाम पर्यटन पत्रिका कविता एक सवाल जय विजय पत्रिका कहानी “बेटी जय विजय पत्रिका कविता मेरी कलम प्रणाम पर्यटन पत्रिका कविता एक वेश्या जय विजय पत्रिका कहानी संघर्ष और विजय अविचल प्रवाह लघुकथा रेणु अविचल प्रभा कविता मज़दूर पिता डिप्रेस्ड एक्सप्रेस मैगज़ीन कहानी आधुनिक दहेज़ नारी शक्ति सागर कविता पिता सम्मान- (Award) उदीप्त प्रकाशन द्वारा लघु कथा के लिए श्रेष्ठ युवा रचनाकार सम्मान ! उदीप्त प्रकाशन द्वारा काव्य के लिए श्रेष्ठ युवा रचनाकार सम्मान ! साहित्य संगम संस्थान द्वारा बोली संवर्धन कार्यक्रम में प्राप्त सम्मान पत्र मई – 2018. साहित्य संगम संस्थान द्वारा बोली संवर्धन कार्यक्रम में प्राप्त सम्मान पत्र जून – 2018. साहित्य संगम संस्थान द्वारा आयोजित ऑनलाइन कवि सम्मेलन में भाग लेकर पर्यावरण के संरक्षण एवम् सम्वर्धन में शानदार प्रस्तुति के लिए सम्मान पत्र 2018. साहित्य संगम संस्थान द्वारा बोली संवर्धन कार्यक्रम में प्राप्त सम्मान पत्र जुलाई – 2018. साहित्य संगम संस्थान द्वारा बोली संवर्धन कार्यक्रम में प्राप्त सम्मान पत्र जुलाई – 2018. साहित्य संगम द्वारा बोली संवर्धन कार्यक्रम में प्राप्त सम्मान पत्र अगस्त – 2018 आगमन फाउंडेशन द्वारा लाइफ टाइम मेम्बर अवार्ड – 2018 साहित्य संगम संस्थान द्वारा व्याकरण शाला दैनिक कार्य में प्राप्त सम्मान पत्र 9 जुलाई – 2018. साहित्य संगम संस्थान द्वारा व्याकरण शाला दैनिक कार्य में प्राप्त सम्मान पत्र 12 जुलाई – 2018. आगमन फाउंडेशन द्वारा “भाव कलश” में रचनाकार सहयोग के लिए "सर्वश्रेष्ठ रचनाकार का सम्मान " महान कवि "डॉ. डॉ कुंवर बेचैन "के हाथों से प्राप्त - अगस्त – 2018. साहित्य संगम संस्थान द्वारा जनचेतना सम्मान पत्र प्राप्त अगस्त – 2018 उन्नंती शिक्षा संस्थान हिसार द्वारा आयोजित कार्यक्रम अग्गाज बेटियों का में "राज्य सभा सांसद दिल्ली सुशील कुमार गुप्ता" द्वारा "गैस्ट ऑफ ऑनर अवॉर्ड" का सम्मान मिला 30-अगस्त – 2018. आगमन फाउंडेशन द्वारा “ऑनलाइन प्रतियोगिता" में भागा लेकर दूसरे स्थान पर मेरी कहानी " कागज़, कलम और फ़ोन" के लिए सम्मान पत्र मिला ! आगमन फाउंडेशन द्वारा “ऑनलाइन प्रतियोगिता" में भागा लेकर दूसरे स्थान पर मेरी कहानी “उत्सव” के लिए सम्मान पत्र मिला ! उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में "काव्य रंगोली पत्रिका द्वारा साहित्य भूषण सम्मान 2018 से सम्मानित किया गया ! 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