कविता

“रोला छंद”

जय जय सीताराम, नाम जप लो अनुसारी।

रटती रसना नाम, सियापति अवध बिहारी।।

राधे राधे श्याम, गीर धरि नख गिरधारी।

भाग कालिया भाग, नाग नथ नथें मुरारी।।-1

गौरी पति महादेव, आप शिव गौरीशंकर।

देवों के प्रभु देव, आप हैं महा निरंकर।।

लक्ष्मीपति हरिनाथ, है क्षीरसिंधु निवासा

चँवर डुलाएँ मातु, सुशोभित है रनिवासा।।-2

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ