कविता

इक दुनिया प्यार और सच्चाई भरी

ढूंढती हूँ एक दुनिया नयी
जहाँ दुनिया की भीड़ में असली चेहरे छिप न जाये कहीं
जहाँ आंसू नकली, मुस्कान बनावटी बन ना जाये कभी
रिश्तें सिर्फ मतलब के न रह जाये जहाँ
ढूंढती हूँ एक ऐसी दुनिया
जहाँ रूह से पहचान हो सबकी
भाषा हो एक सबकी
प्यार के आंसू, प्यार भरी मुस्कान हो
रिश्तें हमदर्द बन, हर दर्द से अनजान रहें ऐसी दुनिया जिसे ढूंढती हैं नज़रें बाहर
वो सब कुछ है मेरे भीतर ही कहीं…

सुमन राकेश शाह (रूहानी)

सुमन राकेश शाह 'रूहानी'

मेरा जन्मस्थान जिला पाली राजस्थान है। मेरी उम्र 45 वर्ष है। शादी के पश्चात पिछले 25 वर्षों से मैं सूरत गुजरात मे रह रही हुँ । मैंने अजमेर यूनिवर्सिटी से 1993 में m. com किया था ..2012 से यानि पिछले 6 वर्षों कविताओं और रंगों द्वारा अपने मन के विचारों को दूसरों तक पहुचने का प्रयास कर रही हुँ। पता- A29, घनश्याम बंगला, इन्द्रलोक काम्प्लेक्स, पिपलोद, सूरत 395007 मो- 9227935630