गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

आँखों को भी मल मल देखा।
तुमको खुद में हर पल देखा।।

बारिश के मौसम में आकर।
बादल सा मन पागल देखा।।

जब – जब आयी तेरी बातें।
रीता तन- मन घायल देखा।।

वापस आओ रूठो मत यूँ।
बहता कहता काजल देखा।।

जंजीरों में जकड़ी रस्में।
ढोता मानव हर पल देखा।।

तन्हा तन्हा सब दुख भोगा।
प्रश्नों का ना कुछ हल देखा।।

ख़्वाबों की आभा से झिलमिल।
आँखों में केवल जल देखा।।

आशीषों की छाया वाला।
प्यारा माँ का आँचल देखा।।

प्रियवर मेरे तुमको मैने।
निर्मल निश्छल कोमल देखा।।

शुभा शुक्ला मिश्रा ‘अधर’

शुभा शुक्ला मिश्रा 'अधर'

पिता- श्री सूर्य प्रसाद शुक्ल (अवकाश प्राप्त मुख्य विकास अधिकारी) पति- श्री विनीत मिश्रा (ग्राम विकास अधिकारी) जन्म तिथि- 09.10.1977 शिक्षा- एम.ए., बीएड अभिरुचि- काव्य, लेखन, चित्रकला प्रकाशित कृतियां- बोल अधर के (1998), बूँदें ओस की (2002) सम्प्रति- अनेक समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में लेख, कहानी और कवितायें प्रकाशित। सम्पर्क सूत्र- 547, महाराज नगर, जिला- लखीमपुर खीरी (उ.प्र.) पिन 262701 सचल दूरभाष- 9305305077, 7890572677 ईमेल- vshubhashukla@gmail.com