बाल कहानी

गुड़िया की शादी !

रीचा बड़े ही प्यार से अपनी गुड़िया को सजा रही थी उसने कितने दिनो से शोर मचाया हुआ था कि वो अपनी गुड़िया की शादी प्रियंका के गुड्डे से सोमवार को करेगी। पापा और ममी के साथ सारी खरीदारी भी  कर ली थी। दो ड्रेस, सैंडल , मेयकप की छोटी सी किट और सभी सहेलियों को खिलाने के लिए चिप्स और कोल्ड ड्रिंकस, जो शादी में आ रही थी। रिचा की उत्सुकता देख मीरा मन ही मन मुस्कुरा रही थी, विनय आफिस के लिए निकलने ही वाले थे कि रिचा ने आवाज़ लगाई…. पापा! पापा!
विनय और मीरा दोनो रिचा से पूछने लगे कि अब क्या रह गया है? रिचा ने डरते हुए कहा आप मुझे डांटोगे तो नहीं…. दोनो ने एक ही स्वर में कहा कि नहीं बेटा , बोलो !
रिचा ने बड़ी मासुमियत से कहा मैं अभी गुड़िया की शादी नहीं करूंगी। विनय और मीरा हैरान हो गए कि एक महीनें से जब से गुड़िया खरीद कर लाई है तभी से शोर मचाया था इसकी शादी करनी है प्रियंका के गुड्डे से, सभी  तैयारियाँ भी  कर ली,सभी  सहेलियों को बुला भी लिया,अब ऐसा क्या हो गया !थोड़ी देर चुप रहने के बाद बोली… ममी अभी  ये छोटी है। अभी इसको पढ़ा लिखाकर नौकरी कराऊंगी और अपनी हिफाजत करना सिखाऊंगी, फिर शादी करूँगी। ममी आप नौकरी नहीं करती आपको सभी  बातें सुनाते हैं पापा और दादी भी अगर आपको पैसौं की जरूरत पड़े। और आप मुझे जुडो कराटे सीखने के लिए भेजते हो और कहते हो अपनी सेफ्टी के लिए जरूरी है। मेरा मन नहीं करता पर आप भेजते हो कि जरूरी है , मैं भी  अपनी गुड़िया को सब कराऊंगी फिर ही शादी करूंगी। विनय और मीरा चुपचाप रिचा के दिल की व्यथा सुन रहे थे ।

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |