गीत/नवगीत

तुम्हें क्या बताऊँ मैं क्या क्या है बेटी…

तुम्हें क्या बताऊँ मैं क्या क्या है बेटी, मेरे दिल की धड़कन है अरमां है बेटी।
कहूँ और इससे ज़ियादा भला क्या, मेरी ज़िन्दगी है मेरी जां है बेटी।।

कली की नज़ाकत गुलों की अदा है, वो तितली सी चंचल है महकी हवा है।
सभी की हँसी है सभी का खिलौना, यकीं मानिये वो सभी से जुदा है।।
मुझे फख़्र है बाप होने पे उसके, मेरा धर्म है और ईमां है बेटी…
कहूँ और इससे मैं ज्यादा भला क्या, मेरी ज़िन्दगी है मेरी जां है बेटी…

कभी कुछ गिराया कहीं भी जो सामां, उसी ने उठाकर करीने लगाया।
वो बच्ची थी फ़िर भी अगर भाई रोया, उठाकर उसे भी गले से लगाया।।
गज़ब के हुनर से नवाजा खुदा ने, अभी से युँ रिश्तों पे कुर्बां है बेटी…
कहूँ और इससे मैं ज्यादा भला क्या, मेरी ज़िन्दगी है मेरी जां है बेटी…

बड़ी जब ज़रा सी हुई बस ज़रा सी, बँटाने लगी हाथ माँ का किचन में।
निकलते हैं आँसू मेरे देखकर ये, है कितनी मुहब्बत भरी उसके मन में।।
सिहर उठता है मन मेरा बात सुनके, जो कहता है कोई कि महमां है बेटी…
कहूँ और इससे मैं ज्यादा भला क्या, मेरी ज़िन्दगी है मेरी जां है बेटी…

दुआ है खुशी ही खुशी हो हमेशा, सभी बेटियों को मिले प्यार जी भर।
रहे मायके में या ससुराल जाए, करे प्यार उससे ये संसार जी भर।।
वो माँ बाप कैसे रहेंगे खुशी से, अगर तो किसी की परेशां है बेटी…
कहूँ और इससे मैं ज्यादा भला क्या, मेरी ज़िन्दगी है मेरी जां है बेटी…

सतीश बंसल
१९.०५.२०१८

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.