लघुकथा

अंजान खतरा

एस. पी. चंदा सिंह ने इंस्पेक्टर मूलचंद से पूँछा।
“अब तो तुम्हारी बेटी साल भर की होने वाली होगी।”
“हाँ मैडम बहुत शरारती भी हो गई है। अपनी मासूम हरकतों से सबका मन मोह लेती है। सबका खिलौना बनी रहती है।”
एस. पी. चंदा ने सोंचते हुए कहा।
“वो तो मासूम है पर उसका खयाल रखो। उसे खिलौना ना बनने दो।”
इंस्पेक्टर मूलचंद सोंच में पड़ गए। तभी खबर मिली की चार साल की एक बच्ची का नग्न शव झाड़ियों में पड़ा मिला है।

*आशीष कुमार त्रिवेदी

नाम :- आशीष कुमार त्रिवेदी पता :- C-2072 Indira nagar Lucknow -226016 मैं कहानी, लघु कथा, लेख लिखता हूँ. मेरी एक कहानी म. प्र, से प्रकाशित सत्य की मशाल पत्रिका में छपी है