कविता

कलमकार हो गया हूँ

आज मैं भी उदास हो गया हूँ
जीवन की एक आस हो गया हूँ
अपना ही ग़म भुलाने के लिए
हँसी का मोहताज हो गया हूँ
कुछ कर्ज होगा उनका शायद
जो आज मैं हिसाब हो गया हूँ
बस चंद सिक्कों की ही खातिर
उनके लिए मैं जबाब हो गया हूँ
देख रहे थे नया ख्वाब हम
लेकिन अब लाचार हो गया हूँ
केवल एक खुशी की खातिर मैं
आज एक कलमकार हो गया हूँ
      – रमाकान्त पटेल

रमाकान्त पटेल

ग्राम-सुजवाँ, पोस्ट-ढुरबई तहसील- टहरौली जिला- झाँसी उ.प्र. पिन-284206 मो-09889534228