लघुकथा

बेहतर योजना

अक्सर हम किसी-न-किसी के मुख से किसी-न-किसी अवसर पर सुनते रहते हैं-
”जो कुछ भी होता है, वह अच्छे के लिए होता है, 
ईश्वर के पास हमेशा एक बेहतर योजना होती है.”
इस पर अविश्वास करने जैसी कोई बात है ही नहीं, फिर भी हम समझ नहीं पाते, यह अलग बात है. कभी-कभी अचानक ऐसी बात भी हो जाती है, कि हम उसे चमत्कार कहें या ईश्वर की बेहतर योजना, समझ नहीं पाते. समझ न पाने से कोई फ़र्क भी तो नहीं पड़ता न! चमत्कार हो या बेहतर योजना, दोनों ही हमारे लिए हर्षदायक हैं. मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ.
मेरी गीतों-कविताओं की नई किताब छपकर आई. हमें एक फंक्शन में सोसाइटी की बस में जाना था. मैंने अपनी नई किताब की कुछ प्रतियां ले लीं. बस में कोई बिस्कुट बांट रहा था, कोई ठंडा पानी, मैंने किताबें बांटीं. सब लोग वाट्सऐप छोड़कर किताब पढ़ने में लग गए. घंटे भर बाद हम जब बस से उतरे, तो सबने किताब की तारीफ की, जो कि स्वाभाविक था. तीन किताबें अभी तक मेरे पास बची हुई थीं. 
फंक्शन में मुझे हमारी एक रिश्तेदार मिलीं, जो किताबों की कद्र जानती हैं और उन्हें किताबें बांटने का बहुत शौक है. मैंने तीनों किताबें उन्हें दे दीं, जो उन्होंने उसी समय मेरे सामने बांट दीं, क्योंकि उनके पास मेरी किताबें अभी तक बची हुई थीं. 
अगले दिन सुबह वाट्सऐप मेरे लिए अत्यंत शुभ समाचार ले आया. हमारी बस के इंचार्ज ने किताब के शानदार कवर को छापकर मेरी किताब का परिचय भी दिया और हमें किताबें बांटने के लिए धन्यवाद भी, ग्रुप के कई लोगों ने उस किताब को प्राप्त करने की इच्छा जताई. अभी वाट्सऐप को और बहुत कुछ दिखाना था. फंक्शन में आखिरी किताब जिन सज्जन को मिली थी, उन्होंने फंक्शन हॉल में ही किताब पढ़कर उसमें से एक गीत की प्यारी-सी धुन बनाकर उसी समय अपनी आवाज में रिकॉर्ड कर लिया और किताब में से हमारा फोन नं. देखकर हमें रिकॉर्डिंग भेज दी. उनका नाम हमारे वाट्सऐप लिस्ट में नहीं था, इसलिए रात को देर से घर पहुंचने के कारण हमने उनके मैसेज पर ध्यान ही नहीं दिया. सुबह उन्होंने वही मैसेज दुबारा भेजा, जो हमने उसी समय देख लिया. फिर तो वह मैसेज देश-विदेश में घूम गया और जब-तब हमारे पास बधाई-संदेश आते रहे.
किताबें बांटने के महत्त्व और ईश्वर की बेहतर योजना का मंज़र हमारे मन पर भलीभांति अंकित हो गया था.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “बेहतर योजना

  • लीला तिवानी

    बचपन से ही किताबें बांटने के महत्त्व और ईश्वर की बेहतर योजना का अनुभव हमारे मन पर अंकित था हई, इस वाकये से यह और भी पक्का हो गया कि जो कुछ भी होता है, वह अच्छे के लिए होता है, ईश्वर के पास हमेशा एक बेहतर योजना होती है.

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