लघुकथा

कोच सर

मेहुल पिछले कुछ दिनों से प्रैक्टिस में ध्यान नहीं दे पा रहा था। इस बात से उसके कोच नाराज़ थे। आज उसके क्लब का मैच था। उसके टीम की स्थिति अच्छी नहीं थी। पर उसने अच्छी गेंदबाज़ी करके अपनी टीम को मैच जिता दिया। सब उसकी तारीफ कर रहे थे। पर मेहुल की निगाह अपने कोच सर पर थी।
कोच सर ने उसके पास आकर शाबासी दी। मेहुल का मन नाच उठा।

*आशीष कुमार त्रिवेदी

नाम :- आशीष कुमार त्रिवेदी पता :- C-2072 Indira nagar Lucknow -226016 मैं कहानी, लघु कथा, लेख लिखता हूँ. मेरी एक कहानी म. प्र, से प्रकाशित सत्य की मशाल पत्रिका में छपी है