गीत/नवगीत

गीत

मुसलमान है, धर्म नीति को कब इनने स्वीकारा है।
सत्ता के कारण सदैव इनने अपनो को ही मारा है।

ये बर्बर, अन्यायी धर्म विरोधी छली लुटेरे है।
इनके मन मे सदा रहे घृणा द्वेष के डेरे है।

ये वहशी कामी चीर हरण नारी का करने वाले है।
भारत की सभ्य संस्कृति के गौरव को हरने वाले है।

इनकी कूटनीति कृत्यों की देता इतिहास गवाही है।
सत्ता के लालच में रहे सदा, इनका धर्म तबाही है।

सत्ता की ख़ातिर अपनो के भी इनने प्राण लिए है।
मात पिता भाई बहनों पर भी अत्याचार किये है।

फिर हिन्दू तो जन्म जात शत्रु रहा है इनका।
करना सदा अधर्म रहा है कर्म धर्म है जिनका।

जो औरो की धर्म संस्कृति तक से सदा द्वेष लिए है।
जिनने कला और कृति तक पर अत्याचार किये है।

जिनने नंन्हे मासूमो पर भी अपनी घृणा निकाली हो।
जिनने हरदम छीनी भारत माँ की खुशहाली हो।

जिनका कुसंकल्प-धर्म, पर माँ का चीर हरण हो।
जिनने पग-पग पर अन्यायों किया वरण हो।

जिसने भारत माँ के ध्वज को ही कर डाला हो अपमानित।
उसको भाई कहकर , हम कैसे कर सकते है सम्मानित।

जिनको अपने पुरखो का कोई इल्म नही है।
जो कहते है दहशत करना कोई जुल्म नही है।

जिनका वर्तमान, भविष्य, कोई भूत नही।
सदियों पहले जिनका रहा कोई वजूद नही।

जो मजलुमो पर दहशत करना सिखलाये, वो कुरान नही हो सकती।
जो करे गद्दारी अपनी मिट्टी से वो कौम मुसलमान नही हो सकती।

विपिन कुमार साहिल

विपिन कुमार साहिल

पुत्र श्री राजकुमार सिंह तोमर। गांव व पोस्ट- राजोधा। तहसील-पोरसा। जिला-मुरैना। मध्य प्रदेश। विधा-ओज(वीर रस) मोबाइल नंबर- 0975913172 ईमेल- tomarvipinsingh7@gmail.com