कविता

फूलों की कविता-4

4.हमको डाल पर रहने दो

 

सुमन हमारा नाम सजीला
अच्छा मन हम रखते हैं।
हमको चाहे कोई ले-ले,
खुशबू बांटते रहते हैं॥
हम कोमल हैं बच्चों जैसे,
हाथ लगाने से झर जाते,
हमको कोमल रहने दो।
हाथ लगाने से झर जाते,
हमको डाल पर रहने दो॥

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

3 thoughts on “फूलों की कविता-4

  • राजकुमार कांदु

    आदरणीय बहनजी ! हमेशा की तरह लाजवाब बाल सृजन ! बेहद सुंदर अर्थपूर्ण कविता के लिए आपका धन्यवाद !

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    बहुत अछि कविता लीला बहन .

  • लीला तिवानी

    फूलों का एक नाम सुमन यानी अच्छे मन वाले है. सुमन कमनीय-कोमल होते हैं और डाल पर रहकर भी खुशबू बांटते रहते हैं. इसलिए उनकी विनम्र प्रार्थना है, कि उनको डाल पर ही रहने दिया जाये तो अच्छा है.

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