छीन सकता है भला कोई किसी का क्या नसीब?
छीन सकता है भला, कोई किसी का क्या नसीब? आज तक वैसा हुआ, जैसा कि जिसका था नसीब। माँ तो
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Read Moreकैसी बेटी कैसे बेटे । अगर माँ बाप रोते।। माँ बाप के दुख । सारे रिश्तेदार चुप ।। हर व्यक्ति
Read Moreमन करता है तेरे अधरों पर मैं छंद लिखूँ. ढाई आखर में होता है क्या आनंद लिखूँ. रूप-रंग पर लिख
Read Moreमाना भारत ग्रामीण संरचना वाला देश है। पर यह तो उस विकसित होते देश के साथ पिछले सत्तर वर्षों में
Read Moreकब से दौड़ रहा हूं पीछे कुछ अब तो बता दीजिए! गुस्ताखी ये मेरी है तो पत्थर ही चला दीजिए
Read Moreअब कैसे बच पायेगी ओ, अब कैसे पढ़ पायेगी दूषित मन के मेलों में, अब कैसे चल पायेगी। इस लंका
Read Moreओ३म् संसार में अनेक आश्चर्य हैं। कोई ताजमहल को आश्चर्य कहता है तो कोई लोगों को मरते हुए देख कर
Read Moreओ३म् मनुष्य जीवन का उद्देश्य ज्ञान की प्राप्ति कर सत्य व असत्य को जानना, असत्य को छोड़ना, सत्य को स्वीकार
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