ग़ज़ल
हसरत है बस अब मैं तेरा नाम लिखूँ दीवारो पे दिल करता है खूँ से कुछ पैगाम लिखूँ दीवारो पे
Read Moreअम्मा ओ अम्मा हमका भी स्कूल जाना है ,हमका स्कूल काहे नाहिं भेजती | मुन्नी कमली का कन्धा जोर-जोर से
Read Moreआज स्वप्न में पिता का दर्शन पा कर दिवस मानो खिल सा गया | पूरा दिन उनकी मधुर समृतियों में
Read Moreमाँ-बाप क्या चले गये बरकत चली गई नफरत चिता में जल गई, उल्फत चली गई मिलता है जो भी पूछने
Read Moreनेट पर मैं हमेशा सेट रहती हूँ पड़ोस में क्या हुआ नहीं जान पाती हूँ ? घर में पति और
Read Moreकुछ पल गुजारे थे तुम्हारी जुल्फों के साये में उन पलों को भूल नहीं सकता मैं दिन-रात मगन रहता देख
Read Moreदिल्ली से एक समाचार मिला। कुछ महीनों पहले रघुबीर नगर में मारे गए अंकित सक्सेना के पिता रमजान के महीने
Read Moreराजनीति के देखो भाई खेल निराले होते हैं धर्म मजहब में बाट दिया और फील गुड कराने लगते हैं नौकरी
Read Moreसमय का पहिया टिक टिक कर के धीरे धीरे चलता है । जीवन पथ है आग का दरिया और अंगारो
Read Moreकभी उसने पुकारा ही नही पलटकर हमे, हम बस यूँ ही उसे जाते हुए निहारते रहे, हर वक्त साथ चलने
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