अनछुए कुछ मनछुए अहसास दबाए
अनछुए कुछ मनछुए अहसास दबाए, कितना कुछ कहती रहीं खामोश निगाहें। टूटे हुए ख्वाबों का मलबा बिखरा पड़ा है, कितनी
Read Moreअनछुए कुछ मनछुए अहसास दबाए, कितना कुछ कहती रहीं खामोश निगाहें। टूटे हुए ख्वाबों का मलबा बिखरा पड़ा है, कितनी
Read Moreजो मोहब्बत में फना हुए उन्हें किताबों में उतारो । पढ़ेगें रस्में मोहब्बत जरा दिल में जगह दो । काँटों
Read Moreआई योग दिवस की वेला, क्यों न लगाएं आसन मेला क्यों न लगाएं आसन मेला, आया समय बड़ा अलबेला-आई योग
Read Moreविषय अथवा चित्र आधारित लघुकथाएँ पिछले कुछ वर्षों सोशल मीडिया पर एक प्रचलन आम हो चला है, विभिन्न समूहों में विषय अथवा चित्र प्रदान कर एक निश्चित अवधि के
Read Moreआज से ४३ वर्ष पूर्व आज के ही दिन कांग्रेस की तथाकथित महानतम नेत्री इन्दिरा गाँधी द्वारा देश पर इमर्जेन्सी
Read Moreएक बार फिर जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रह चुके सैफुद्दीन सोज के एक बयान से
Read Moreथी निर्भया या दामिनी, या मात्र नारी याचिनी। सृष्टि-अभया दिव्य पूजित, दुख सह रही जग-दायिनी।। कैसी विधा है न्याय की,
Read Moreरंजना के परामर्श को अंजना ने अमली जामा पहना दिया था. आज CBSE से आई चिट्ठी से उसकी खुशी का
Read Moreगरज रहे हैं बादल आसमान में जमकर, चमक रही है बिजली आसमान में जमकर। हम बैठे हैं घरौंदों में बूंदों
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