कविता

आँखे

आँखे
भूरी सुनहरी नीली आँखे
गहरी झील सी आँखे
मुदी पलकों में देखती सपनें आँखे
खुली तो ख्वाबों को हकीकत में बदलती आँखे
चित चोर तेज धार सी आँखे
स्वपनीली मदहोश सी आँखे
घनेरी पलकों में बसी खूबसूरत आँखे
खुशी और ग़म के अश्रू से छलकती आँखे
ममता से सराबोर कभी क्रोध में धधकती आँखे
कभी शांत निश्चल कभी ज्वाला मुखी आँखे
मृगनयनी या मीन सी आँखे
कभी तारे सी चमकती आँखे
बालपन की बिल्लोरी सी चमकती आँखे
मां की दुलार भरी आँखे
बीवी की रोबीली आँखे
हया और शर्म से झुकी आँखे
मक्कारी भरी वाचाल आँखे
सुख दुःख को बाँटती आँखे
प्यार का इजहार करती आँखे
खूबसूरत चिलमन में बसी आँखे
हर चेहरे की खूबसूरती है आँखे
देखा है इन से संसार की हर नेमत को
अनमोल ज्योति है आँखे
अर्विना गहलोत
एन टी पी सी मेजा
जिला इलाहाबाद

अर्विना गहलोत

जन्मतिथि-1969 पता D9 सृजन विहार एनटीपीसी मेजा पोस्ट कोडहर जिला प्रयागराज पिनकोड 212301 शिक्षा-एम एस सी वनस्पति विज्ञान वैद्य विशारद सामाजिक क्षेत्र- वेलफेयर विधा -स्वतंत्र मोबाइल/व्हाट्स ऐप - 9958312905 ashisharpit01@gmail.com प्रकाशन-दी कोर ,क्राइम आप नेशन, घरौंदा, साहित्य समीर प्रेरणा अंशु साहित्य समीर नई सदी की धमक , दृष्टी, शैल पुत्र ,परिदै बोलते है भाषा सहोदरी महिला विशेषांक, संगिनी, अनूभूती ,, सेतु अंतरराष्ट्रीय पत्रिका समाचार पत्र हरिभूमि ,समज्ञा डाटला ,ट्र टाईम्स दिन प्रतिदिन, सुबह सवेरे, साश्वत सृजन,लोक जंग अंतरा शब्द शक्ति, खबर वाहक ,गहमरी अचिंत्य साहित्य डेली मेट्रो वर्तमान अंकुर नोएडा, अमर उजाला डीएनस दैनिक न्याय सेतु