कविता

ऐ- मेरी ज़िंदगी!

तुझे बहुत आहिस्ता से लिखना
ऐ- मेरी ज़िंदगी
कि हर वक़्त तो बस मुस्कुराते मिली
कुछ आहिस्ता हम जी रहे
कभी तुम बहा के ले चली,
जिधर भी मोड़े चलते गये
वक़्त से मिल फूल बरसे
कभी कांटो पे भी चली
राह सीधी दिखी
पर मुश्किलें हज़ार,
ख्वाहिशों से सजा
मिला हमेशा बाज़ार
कभी दुकानों पे ठगी
फिर उन्हीं से ली ख़ुशी
ग़मों के तारे जब टूटे
हाथों से बटोरने लगी
मांगती रही दुआएं
अपनों को भी मनाये
साथ- साथ रही परछाई
ए-ज़िंदगी, तू नज़र न आयी
सांसो से बाँधी धड़कन
मन का हर कोना दर्पण
सच-झूठ नियति ऐसी
मन्नत न बांधे कोई बंधन
सब अपने और वही परे
अपनी सोच में सब ढले
आस बन ऊँगली देती रही
ए-ज़िंदगी, तेरे लिए ही बनी
साज़, साथ और साया लेकर
मेरी रूह खाक़ कहती रही
ए- ज़िंदगी बस तू ही मुझमे है
और नंदिता मुस्कुरा के बस तुझे देखती रही!!
तनूजा नंदिता

तनूजा नंदिता

नाम...... तनूजा नंदिता लखनऊ ...उत्तर प्रदेश शिक्षा....एम॰ ए० एंव डिप्लोमा होल्डर्स इन आफिस मैनेजमेंट कार्यरत... अकाउंटेंट​ इन प्राइवेट फर्म वर्ष 2002से लेखन में रुचि. ली... कुछ वर्षों तक लेखन से दूर नहीं... फिर फ़ेसबुक पर वर्ष 2013 से नंदिता के नाम से लेखन कार्य कर रही हूँ । मेरे प्रकाशित साझा संग्रह.... अहसास एक पल (सांझा काव्य संग्रह) शब्दों के रंग (सांझा काव्य संग्रह) अनकहे जज्बात (सांझा काव्य संग्रह ) सत्यम प्रभात (सांझा काव्य संग्रह ) शब्दों के कलम (सांझा काव्य संग्रह ) मधुबन (काव्यसंग्रह) तितिक्षा (कहानी संग्रह) काव्यगंगा-1 (काव्यसंग्रह) लोकजंग, शिखर विजय व राजस्थान की जान नामक पत्रिका में समय समय पर रचनाएँ प्रकाशित होती रहती है । मेरा आने वाला स्वयं का एकल काव्य संग्रह... मेरी रुह-अहसास का पंछी प्रकाशन प्रक्रिया में है नई काव्य संग्रह- काव्यगंगा भी प्रकिया में है कहानी संग्रह भी प्रक्रिया में है संपर्क e-mail logontanu@gmail.com Facebook gnanditadas@yahoo.com