लघुकथा

वेबसाइटी ठग

रमोला ने अनेक प्रकार के ठग देखे-सुने थे. सामने से झपट्टा मारकर पर्स, चेन आदि छीनकर ले जाने वाला ठग, चुपके-चुपके पर्स चीरकर मोबाइल आदि निकालकर ले जाने वाला ठग, वेबसाइटी ठग भी बहुत देखे-सुने थे, पर ऐसे भी वेबसाइटी ठग होते हैं, उसने कभी देखा-सुना न था, आज भोग भी लिया. अब तो यह उसकी आपबीती हो गई.

रमोला ने वैवाहिक वेबसाइट पर अपना नाम दर्ज कराया था. उसे एक सुयोग्य वर मिल भी गया था. मीठी-मीठी बातें करना और सुनहरे भविष्य के मनभावन सपने दिखाकर उसने मन मोह लिया था. इसी दोस्ती का वास्ता देकर वह अश्लील बातचीत करने का भी हकदार बन गया. फिर जरूरत का झांसा देकर लाखों रुपये ठगना भी रमोला को समझ में नहीं आया. पता तब चला, जब बहुत दिनों तक कोई जवाब न आने पर रमोला ने अपने को ठगा-सा महसूस किया और पुलिस में रपट लिखाई.

इसी रपट का परिणाम था, कि वैवाहिक वेबसाइट पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर महिलाओं से दोस्ती और फिर उनसे अश्लील बातचीत करने के अलावा लाखों रुपये की ठगी करने के आरोप में मुंबई क्राइम ब्रांच ने 31 वर्षीय एक आरोपी देवकट को कल्याण से गिरफ्तार किया. देवकट खुद को इंजिनियर और 14 से 15 लाख रुपये महीने की कमाई बताया करता था. पुलिस ने जब देवकट को गिरफ्तार किया, उस समय तक वह अन्य 10 महिलाओं के साथ चैटिंग कर रहा था. इसके खिलाफ चारकोप पुलिस के अलावा पुणे, कोपरखैरने, बीकेसी, नालासोपारा और हडपसर में भी मामले दर्ज हैं.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

3 thoughts on “वेबसाइटी ठग

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    नए ज़माने के नए चोर .लीला बहन, यह कथा जागरूपता लानी वाली है .आज कल बचना चाहिए .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, आपने बिलकुल दुरुस्त फरमाया है. यह कथा जागरुकता लाने वाली है. इनसे आज कल बचना चाहिए. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.

  • लीला तिवानी

    क्राइम ब्रांच यूनिट-11 के अनुसार,देवकट खुद को इंजिनियर और 14 से 15 लाख रुपये महीने की कमाई बताया करता था। उसका लक्ष्य 35 से 45 वर्ष की आयु की महिलाओं को निशाना बनाकर अपने जाल में फंसाना और उनसे मिलकर महंगे-महंगे उपहार और पैसा ऐंठना था। महिलाओं से रेस्तरां और होटलों में मिलने-जुलने और उनका भरोसा जीतने के बाद देवकट उनसे ‘मदद’ के नाम पर 10 से 12 लाख रुपये मांगता था। महिलाएं उसे औसतन 2 से 3 लाख रुपये दे देती थीं। उसके झांसे में आने वाली महिलाओं में डॉक्टर और इंजिनियर भी शामिल हैं। इस तरह से वह अबतक लगभग 50 लाख रुपये ठग चुका है।

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