लघुकथा

लघुकथा – फेसबुक

विनीता शिकायत कर रही थी, ‘‘अंकल, मैंने फेसबुक पर आप को इनवाइट किया था, पर आप मेरी शादी में फिर भी नहीं आए, क्यों?‘‘ अंकल बोले, ‘‘बेटी विनीता, फेसबुक पर मैंने लाइक तो कर ही दिया था, स्वयं घर आकर फेस टू फेस निमंत्रण देने आती, तो अवश्य ही तुम्हें आशीर्वाद देने आता, जीवन मात्र फेसबुक तक ही सीमित नहीं है।‘‘

— दिलीप भाटिया

*दिलीप भाटिया

जन्म 26 दिसम्बर 1947 इंजीनियरिंग में डिप्लोमा और डिग्री, 38 वर्ष परमाणु ऊर्जा विभाग में सेवा, अवकाश प्राप्त वैज्ञानिक अधिकारी