लघुकथा

आने वाला समय

तरुण को परेशान देख उसके चाचा ने पूँछा।
“क्या बात है? किस सोंच में हो?”
“अरे चाचा क्या बताएं। बड़ा बुरा वक्त आ गया है। अच्छाई तो जैसे रही ही नहीं।”
चाचा ने पूँछा।
“क्यों ऐसा क्या हो गया?”
“अब देखिए ना वर्मा जी जैसे भले आदमी को उनके अपनों ने धोखा दिया। आज गैर उन्हें सहारा दे रहे हैं। लगता है कि आने वाला समय इससे भी खराब होगा।”
चाचा ने गंभीरता से कहा।
“बेटा ना बीता कल बहुत अच्छा था और ना आज बहुत खराब है। गैरों ने ही सही पर वर्मा जी को किसी ने सहारा दिया है ना। अच्छाई और बुराई तो हर समय में होते हैं। ऐसे ही हम अच्छाई को बना कर रखेंगे तो आने वाला समय भी अच्छा होगा।”

*आशीष कुमार त्रिवेदी

नाम :- आशीष कुमार त्रिवेदी पता :- C-2072 Indira nagar Lucknow -226016 मैं कहानी, लघु कथा, लेख लिखता हूँ. मेरी एक कहानी म. प्र, से प्रकाशित सत्य की मशाल पत्रिका में छपी है