मुक्तक/दोहा

“मुक्तक”

माँ शारदे को नमन करते हुए समस्त मंच के गुणीजनों को मेरा वंदन अभिनंदन। आप सभी को गुरु पूर्णिमा की हार्दिक बधाई।

सौंप दिया माँ-बाप ने, गुरु को अपना लाल।

विनय शारदा मातु से, साधक शिक्षक भाल।

शब्द-शब्द अक्षर प्रखर, ज्ञानी गुरु महान-

नमन शिष्य गौतम करे, चरण कमलवत नाल॥-1

ज्ञान मिला विज्ञान मिला, मिला मान सम्मान।

गूंगे कंठन स्वर मिला, अरु वीणा वरदान।

नमन करूँ हे परम गुरु, माँ शारद अवतार-

ज्ञान चक्षु को खोलना, गौतम सेवक जान॥-2

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

 

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ